ठगी के शिकार पीड़ितों के लिए 'संकटमोचक' बनी नोएडा पुलिस, तोड़ा साइबर धोखाधड़ी का नेटवर्क
नोएडा पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में ठगी के शिकार हुए सात लोगों को बचाया है। पुलिस ने 50 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी होने से रोकी। पीड़ितों में उद्यमी, बिजनेसमैन और बैंकर्स शामिल हैं, जो ऑनलाइन निवेश के जाल में फंस गए थे। पुलिस महानिदेशक ने साइबर यूनिट को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
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शैव्या गोयल। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, नोएडा। गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट की साइबर क्राइम यूनिट ने उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु समेत देश के विभिन्न राज्यों में ठगों के जाल में फंसे उद्यमी, बिजनेसमैन, बैंकर्स समेत सात लाइव पीड़ितों को स्थानीय पुलिस की मदद से सुरक्षित करने में सफलता हासिल की है।
पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर टीम ने 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी होने से उन्हें बचाया है। पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने नोएडा पुलिस की साइबर यूनिट व साइबर कमांडो को उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल ने बताया कि साइबर क्राइम यूनिट ने इंडियन साइबर क्राइम को-आर्डिनेशन सेंटर और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से प्राप्त साइबर व वित्तीय इंटेलिजेंस की मदद से पुराने रिपोर्टेड साइबर अपराधों से जुड़े वित्तीय प्रवाह की गहनता से जांच की।
उनके लेनदेन के पैटर्न व नेटवर्क साइटों का विश्लेषण कर उन पीड़ितों की समय पर पहचान की, जो लंबे समय से आनलाइन निवेश के जाल में फंसे थे। वे सभी शातिरों के झांसे में फंसकर ट्रांसफर कर रहे थे। साइबर कमांडो सचिन धामा के नेतृत्व में टीम गठित हुई। जब टीम पीड़ितों तक पहुंची तो पता चला कि सभी अपने साथ हो रही धोखाधड़ी से अनजान थे। उन्हें समझाने पर सभी ने ट्रांज़ेक्शन रोक दी।
बैंक कर्मचारी कर चुका था 14 लाख रुपये ट्रांसफर
यूपी के जिस बैंककर्मी को साइबर पुलिस टीम ने तत्परता से बड़े आर्थिक नुकसान होने से बचाया है। वह शिक्षित और आर्थिक रूप से जागरूक हैं। बावजूद इसके वह शातिरों के जाल में फंसकर 14 लाख फर्जी योजना में निवेश कर चुके थे।
शातिरों ने उन्हें बड़े मुनाफे का लालच देकर 20 लाख रुपये और निवेश के लिए तैयार कर लिया था। नोएडा पुलिस ने संदिग्ध लेन-देन की पहचान कर समय रहते उनसे संपर्क किया और उसे ठगी की सच्चाई से अवगत कराया। टीम ने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
तमिलनाडु में 40 लाख निवेश कर 60 लाख किया इंतजाम
एडीसीपी के मुताबिक, तमिलनाडु में एक व्यक्ति हिंदी और अंग्रेजी नहीं समझ रहा था। भाषाई चुनौती के चलते साइबर टीम ने तुरंत राज्य पुलिस से संपर्क किया। तमिलनाडु पुलिस के सहयोग से स्थानीय भाषा में संवाद की व्यवस्था की। संयुक्त प्रयास से पीड़ित को उसकी मातृभाषा में ठगी की पूरी सच्चाई बताई गई। वह पीड़ित 40 लाख रुपये निवेश कर चुके थे। करीब 60 लाख और निवेश की तैयार कर चुके थे।

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