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    दुबई में ट्रेनिंग, भारत में ठगी! 35,000 की नौकरी छोड़कर लाया 'लाखों कमाने' का काला धंधा!

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 03:00 AM (IST)

    पीलीभीत पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह का सरगना दुबई में कॉल सेंटर में काम करके साइबर ठगी के गुर सीखकर लौटा था। वह ग ...और पढ़ें

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    पुल‍िस की ग‍िरफ्त में आरोप‍ित

    जागरण संवाददाता, पीलीभीत। घुंघचाई थाना क्षेत्र के युवक ने दुबई के काल सेंटर में जाकर साइबर ठगी को सीखा और फिर यहां लौटकर लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाना शुरू कर दिया। गेमिंग एप एविएटर और रम्मी के माध्यम से लोगों को गेम खेलने के लिए प्रेरित करके उनके बैंक खातों में छोटी-छोटी जीत के रुपये भेजकर डिटेल हासिल करके उनके बैंक खातों से सारे रुपये निकालकर ठगी करना शुरू कर दिया।

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    घुंघचाई थाना पुलिस ने ऐसे गिरोह का राजफाश किया, जिसमें सरगना समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। इन आरोपितों पर साइबगर ठगी करने, फजी्रवाड़ा करने समेत विभिन्न मामलों में प्राथमिकी पंजीकृत की गई। बाकी आरोपितों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने आरोपितों के पास से नौ मोबाइल, दो लैपटाप और 59,500 रुपये नगद समेत अन्य सामान बरामद किया।

    अजमेर में एक व्यक्ति से साइबर ठगी होने पर घुंघचाई क्षेत्र के गौरव शर्मा का जनसेवा केंद्र होल्ड कर दिया गया। इसकी सूचना नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी पोर्टल) से प्राप्त थाना स्थानीय क्षेत्र के पाश वेरिफिकेशन और साइबर अपराधों में लिप्त बैंक खातों की छानबीन करने पर पता चला कि घुंघचाई क्षेत्र में संचालित गौरव शर्मा के जनसेवा केंद्र व बीसी प्वाइंट को होल्ड किया गया।

    गौरव शर्मा से पूछताछ करने पर पता चला कि क्षेत्र में अमृत पाल नाम का युवक अवैध रूप से जनसेवा केंद्र संचालित करता है। जनसेवा केंद्र को जब पकड़ा गया तो साइबर ठगी का गिरोह सामने आया। गिरोह के सरगना अमृतपाल सिंह निवासी हरीपुर ता. अजीतपुर बिल्हा, धर्मेंद्र कुमार निवासी ग्राम उदरहा और प्रियांशु दीक्षित निवासी घुंघचाई को गिरफ्तार किया।

    इनके पकड़े जाने के बाद पुलिस ने जेएमआइस पोर्टल पर चेक करने पर पता चला कि धर्मेंद्र की ओर से इस्तेमाल किये जा रहे बैंक खातों पर राजस्थान, ओडिशा, तमिलनाडु, बिहार, कर्नाटक, मध्य प्रदेश प्रांतों से साइबर फ्राड के मामलों में होल्ड लगा था। इस्तेमाल किये जा रहे अन्य बैंक खातों, मोबाइल नंबरों, आधार कार्ड, फोन के आइएमईआइ और बैंक खातों की छानबीन कर यह पता किया जा रहा है कि इन लोगों ने देश में किन-किन राज्यों से लोगों के साथ फ्राड किया है, जिनकी शिकायतें एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज है।

    पुलिस को साइबर ठगी के आरोपित अमृतपाल से 59,500 रुपये नगद बरामद हुए। इसके अलावा छह मोबाइल फोन, दो लैपटाप मय चार्जर, पांच फर्जी आधार कार्ड की छायाप्रतियां, एक आधार कार्ड, सात बैंक पासबुक, तीन चेकबुक, एक एटीएम, खुरचे हुए नौ सिमकार्ड, यूएई का एक पहचान पत्र, दुबई का एक सिम, एक अन्य व्यक्ति का पैन कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस, एक मोबाइल चार्जर भी मिला।

    आरोपित धर्मेंद्र से इनफीनिक्स कंपनी का एक मोबाइल फोन और प्रियांशु दीक्षित से वीवो व सैमसंग कंपनी के दो मोबाइल फोन बरामद हुए। घुंघचाई थाना इंस्पेक्टर जयशंकर सिंह ने बताया कि अमृतपाल के मोबाइल नंबरों, बैंक खातों, लैपटाप व मोबाइल फोन में मौजूद विवरणों के संबंध में विस्तृत छानबीन की जा रही है।

    यह भी पता लगाया जा रहा है कि थाना क्षेत्र और जनपद में अन्य किन लोगों से अमृतपाल ने खाते लिए और तथा सिम कार्ड खरीदे थे। प्रियांशु दीक्षित की ओर से अब तक बिक्री किए गए सिम कार्डों के संबंध में जानकारी की जा रही है। गिरोह के सरगना के दूसरे साथी के संबंध में जानकारी व तलाश की जा रही है। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में इंस्पेक्टर जयशंकर सिंह, एसआइ विजयवीर सिंह, एसआइ संदीप प्रताप, एसआइ सन्नी आर्य, एसआइ निशांत कुमार, कांस्टेबल शोभित कुमार, प्रवीण कुमार, चिराग बालियान शामिल रहे।

    दुबई में दोस्त के साथ काल सेंटर पर काम करने गया था अमृतपाल

    गिरोह का सरगना अमृतपाल एक अन्य साथी के साथ वर्ष 2024 में जनवरी में दुबई गया था। वहां पर काल सेंटर में नौकरी की, जहां पर उसे 35000 रुपये प्रतिमाह मिलते थे। वहां पर अमृतपाल और उसके साथी ने काम सीख लिया तो वह दुबई से कुछ महीने पहले ही वापस आ गया। यहां पर अपने घर से काल सेंटर संचालित करने लगा।

    यहां वह गेमिंग एप (एवियेटर, रम्मी) के जरिये लोगों को फोन करके गेम खेलने के लिए प्रेरित करता औरपहले इनाम जीतने पर ऊंची रकम का झांसा देते थे। सर्वप्रथम व्यक्ति जब पहली बार गेम खेलता तो उसे ऊंची दरों से जितवा देते थे और उनके अकांउट में पैसा भी भेज देते थे। इस प्रकार वे लोगों के बैंक खातों की डिटेल गिरोह के पास पहुंच जाती थी।

    इसके बाद में यह आरोपित पीड़ित व्यक्ति का पूरा बैंक खाता खाली कर देते थे। डार्क वेब से यह लोग गेम खेलने वाले इच्छुक व्यक्तियों का विवरण फोन नंबर आदि निकाल लेते हैं। इसके बाद उसे फंसाने के लिए अपने फोन नंबर से फोन करके लालच देकर गेम खेलने का आदी बना देते है। जब व्यक्ति के खाते से पूरे पैसे निकल जाते है तो यह लोग अपना मोबाइल नंबर बंद कर देते।

    बैंक खाते उपलब्ध कराता था धर्मेंद्र, मिलता था पांच प्रतिशत कमीशन

    पूछताछ में यह भी बताया कि उसने ग्राम उदरहा के धर्मेंद्र कुमार से उसके तीन बैंक खातों की पासबुक और फोन नंबर ले लिया। पैसा उसके खाते में डलवाकर जनसेवा केंद्र से निकलवा लेते थे। धर्मेंद्र कुमार को निकासी किये गए रुपयों में से आरोपित पांच प्रतिशत कमीशन के तौर पर देते थे। धर्मेंद्र कुमार उक्त को खाते मुहैया कराता था।

    धर्मेंद्र गरीब मजदूरों के पासबुक और फोन नंबर झांसे में रखकर ले लेता कि तुम्हें सरकारी योजना का लाभ दिलवा दूंगा। पुलिसिया पूछताछ में धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वह कस्बे में किराना के दुकान पर नौकरी करता है, लेकिन पैसे के लालच में अमृत पाल के लिए काम करने लगा। खाते खरीदने के लिए लोगों से संपर्क करता था।

    प्रियांश दीक्षित सिम की व्यवस्था करके करता था ब्लैक

    पकड़ा गया तीसरा आरोपित प्रियांशु दीक्षित सरगना को ब्लैक में एक हजार रुपये में प्री एक्टीवेटेड सिम उपलब्ध कराता था। प्रियांशु दीक्षित ब्लैक में अमृतपाल को सिम बेच देता है, जिससे वह साइबर ठगी करता था।

    सिम कार्ड लेने के लिए आने वाले लोगों से एक बार उसका अंगूठा लगवाने और फोटो लेने के बाद प्रियांशु कहता था कि फोटो ठीक नहीं आई या अंगूठा ठीक से नहीं लगा है। इस प्रकार एक व्यक्ति की आइडी पर दो सिम कार्ड जारी हो जाते। एक सिम कार्ड कस्टमर लेकर चला जाता है, जबकि दूसरा उसके पास रह जाता है। इस प्रकार दूसरे सिम को ब्लैक में महंगे दाम पर बेच देता है ।

    सिम खरीदने जा रहे हैं तो इन बातो का रखें ध्यान

    अगर मोबाइल के लिए सिम कार्ड खरीदने जा रहे हैं तो यह सुनिश्चित कर लें कि आपने दो बार अगूंठा तो नहीं लगाया है। इसके अतिरिक्त संचार साथी एप पर अपने आधार कार्ड नंबर डालकर यह देख लें कि उनके आधार कार्ड पर कितने नंबर एक्टीवेट हैं। इसके अतिरिक्त किसी साइबर ठग या जालसाज की ओर से दिये पैसों के लालच में अपने खाते का विवरण, अपना पासबुक, सिम नंबर किसी को उपलब्ध न कराएं।

     

    पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जो गेमिंग कंपनी के जरिए लोगों को फंसाकर ठगी किया करते थे। इसी के साथ उन्होंने फर्जी काल सेंटर स्थापित किया। गिरोह का मुख्य आरोपित अमृत पाल ने दुबई में रहकर ठगी करना सीखा। इसके बाद उन्होंने यहां आकर वहीं कार्य शुरू कर दिया। टीम ने मुख्य आराेपित सहित उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

    - विक्रम दहिया, अपर पुलिस अधीक्षक पीलीभीत


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