रात के सन्नाटे में फिर घुसा हाथियों का झुंड, किसान ट्रैक्टर से कर रहे भगाने की कोशिश
शारदा नदी के पास हाथियों का आतंक जारी है, जिससे किसान परेशान हैं। एक वृद्ध की मौत के बाद फिर से हाथियों का झुंड गांवों में घुस रहा है और फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। किसान ट्रैक्टरों से उन्हें भगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन खतरा बना हुआ है। वन विभाग निगरानी कर रहा है।

पीलीभीत के माधोटांडा में रात के समय खेतों में घुसे हाथी
संवाद सूत्र, जागरण, माधोटांडा। शारदा नदी के पार जंगली हाथियों के झुंड लगातार वहां खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वृद्ध व्यक्ति की हत्या के बावजूद हाथियों को भगाया नहीं जा सका। वृद्ध किसान को रौंदकर मार डालने के अगले दिन भी हाथियों का झुंड गांव में पहुंच गया। अब यह हाथी किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन गये हैं। खेतों में हाथियों के पहुंचने पर के किसान ट्रैक्टर से भगा रहे हैं।
माधोटांडा सीमावर्ती क्षेत्र में शारदा नदी के पार बसे हुए गांवों में हाथियों का आतंक अब मुसीबत बन गया है। यहां पर प्रतिदिन हाथियों का झुंड आकर किसानों की फसलों को रौंद रहे हैं। यहां से जंगल नजदीक होने के कारण नेपाल के हाथी टाइगर रिजर्व के जंगलों में प्रवेश कर फसलें बर्बाद कर रहे हैं।
शनिवार की रात्रि ढकिया तालुका महाराजपुर में हाथियों का झुंड पुन्नो मंडल के घर में घुस गया। हाथियों ने पुन्नो पर हमला कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई। अगले ही दिन रविवार की रात्रि फिर से हाथियों का झुंड जंगल से बाहर निकल आया और गांव की तरफ बढ़ने लगा। किसानों ने रात्रि में ही अपने ट्रैक्टरों से शोर शराबा कर हाथियों को वहां से खदेड़ दिया, लेकिन अब हाथियों का आतंक काफी बढ़ गया है।
एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है। प्रतिदिन हाथियों के झुंड जंगल से बाहर निकलकर फसलों को अपने पैरों से रौंद रहे हैं। ऐसे में किसान रात भर जाग कर अपनी फसलों की रखवाली कर रहे हैं। यहां पर छप्परपोश घर होने के कारण ग्रामीणों को हाथियों से जान का भी खतरा बना हुआ है।
यहां पर आने वाले हाथियों की संख्या दो दर्जन तक बताई जा रही है। वन रेंजर अरुण मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि यहां से जंगल नजदीक होने के कारण हाथी आ जाते हैं। किसानों को सतर्क रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है। टीम भी शारदा पार मानिटरिंग कर रही है।

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