Pilibhit News: नेपाल की जेल से छूटे किसान घर लौटे, परिवार में खुशी का माहौल
नेपाल की जेल में बंद कलीनगर के तीन किसान जेल टूटने से रिहा होकर भारत लौटे। दो किसान रिश्तेदारी में चले गए जबकि हजारा के पांच बंदी भी घर लौटे। शारदा नदी पार खेती करते समय दो बंगाली किसान गिरफ्तार हुए थे वहीं मंतोष हीरा ब्राउन शुगर के आरोप में पकड़े गए थे। नेपाल में आंदोलन के दौरान महेंद्रनगर जेल तोड़ी गई जिससे वे रिहा हुए।

जागरण संवाददाता, कलीनगर। लंबे समय से नेपाल की जेल में बंद कलीनगर सीमावर्ती क्षेत्र के तीन लोग जेल टूटने से मुक्त होकर भारत लौट आए। इनमें दो लोग घर न आकर रिश्तेदारी में चले गए हैं। वहीं हजारा थाना क्षेत्र के पांच बंदी जेल से मुक्त होकर घरों को लौट आए हैं।
माधोटांडा सीमावर्ती क्षेत्र में पिछले साल 24 नवंबर पिलर के पास शारदा नदी पार खेती करने वाले ढकिया महाराजपुर गांव के दो बंगाली किसानों को नेपाल पुलिस ने पकड़ा लिया था। दोनों को नेपाली पुलिस ने नेपाली भूमि पर अतिक्रमण करने के आरोप लगाकर महेंद्रनगर जेल भेज दिया था।
वहीं करीब तीन साल से कुतिया कवर गांव निवासी मंतोष हीरा को ब्राउन शुगर के आरोप नेपाल के भीतर से गिरफ्तार किया था। तबसे इनके परिवार के लोग इनको छुड़ाने का प्रयास कर रहे थे।
नेपाल में सरकार के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन के दूसरे दिन आंदोलन कारियों ने देर शाम धावा बोल कर महेंद्र नगर जेल को तोड़कर बंद कैदियों को भगा दिया। जेल से मुक्त होकर तहसील क्षेत्र के ढकिया तालुके महाराजपुर के रंजन विश्वास और चितरंजन सरकार रात भर पैदल चलकर बनवसा आए।
इन लोगों ने जेल से छूटने की जानकारी फोन से अपने परिजनों को दी। जिस पर रंजन विश्वास तो गांव लौट आया। जबकि चितरंजन और मंतोष हीरा निवासी कुतिया कवर अपने रिश्तेदारी में चले गए।
जेल से छूटे रंजन विश्वास ने बताया कि हमें छुड़ाने के लिए परिवार वालों ने नेपाल की अदालत में अपील कर रखी है। उसने बताया कि महेंद्र नगर जेल में पीलीभीत और खटीमा क्षेत्र के 27 लोग बंद थे। नेपाल में जारी आंदोलन की वजह से हम लोगों को आंदोलन कारियों ने जेल तोड़कर भगा दिया।
जेल से छूटे सभी लोग पूरी रात पैदल चलकर आज दोपहर को बनवसा आए। इसकी सूचना घर वालों को फोन से दी। उसके घर वापस आने से परिवार में खुशी का माहौल है।
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