पीलीभीत में मेस्टर्न लाइब्रेरी का ऐतिहासिक पुनर्जागरण: 3.65 करोड़ से हेरिटेज रूप में नए युग की शुरुआत
पीलीभीत की ऐतिहासिक मेस्टर्न लाइब्रेरी को 3.65 करोड़ रुपये की मंजूरी मिलने के बाद हेरिटेज स्वरूप में विकसित करने का काम शुरू हो चुका है। इसमें डिजिटल लाइब्रेरी और म्यूजियम भी बनेंगे, जिससे शहर की सांस्कृतिक धरोहर को नया जीवन मिलेगा और आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
-1763464559381.webp)
मेस्टर्न लाइब्रेरी के भवन में शुरू कराई गई मरम्मत। जागरण
वैभव मिश्रा, जागरण, पीलीभीत। लंबे समय तक कब्जे में रही ऐतिहासिक धरोहर मेस्टर्न लाइब्रेरी को खाली कराने के बाद उसे संवारने कार्य तेजी से हो रहा है। इसके लिए शासन ने पालिका को 3.65 करोड़ रुपये के बजट ऐतिहासिक भवन न केवल अपने पुराने गौरव को फिर से हासिल करेगा, बल्कि इसे हेरिटेज स्वरूप में विकसित कर आधुनिक सुविधाओं से भी लैस किया जाएगा।
जीर्णोद्धार के अलावा यहां एक डिजिटल पुस्तकालय और स्मृतियों से भरा संग्रहालय (म्यूजियम) भी तैयार किया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ियां न केवल ज्ञान से जुड़ेंगी, बल्कि पीलीभीत की सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित हो सकेंगी। टेंडर होने के बाद यहां निर्माण कार्य शुरु करा दिया गया है।
नगर पालिका कार्यालय के सामने ब्रिटिश हुकूमत के समय साल 1914 में एक लाइब्रेरी स्थापित की गई थी। उसका नाम मेस्टर्न लाइब्रेरी रखा गया। लाइब्रेरी के साथ ही इस भवन में मनोरंजन की अन्य गतिविधियां भी संचालित होती थी। नगर पालिका ने सन् 1932 में इस जगह का आवंटन 30 साल के लिए किया था। उस समय भवन का किराया दो रुपये प्रतिवर्ष वसूला जाता था।
वर्ष 1962 में इसकी समय सीमा समाप्त हो गई थी। मगर, इसके बाद भी उसे खाली नहीं कराया गया था। जिसके बाद मामले की जांच कराई जा रही थी। 18 माह तक चली जांच के बाद डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने जगह को खाली कराने का आदेश जारी किया था। जिसके बाद तत्कालीन ईओ पूजा त्रिपाठी ने उसे 31 मार्च को खाली कराया था। खाली कराने के बाद नगरपालिका ने अपना कब्जा ले लिया था।
इसके बाद चेयरमैन डा. आस्था अग्रवाल ने इस ऐतिहासिक धरोहर को संजोने के लिए प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री के समक्ष रखा था, जिस पर शासन ने मुख्यमंत्री योजना के तहत इस भवन को संजोने के लिए 3.65 करोड़ रुपये का बजट जारी किया। इस प्रोजेक्ट में मेस्टर्न लाइब्रेरी की मरम्मत कराकर पुराने भवन को संरक्षित करते हुए हेरिटेज के रुप में गेस्ट हाउस तैयार कराया जाना है।
टेंडर होने के बाद निर्माण कार्य शुरु करा दिया गया है। कार्य कराने की जिम्मेदारी सीएनडीएस संस्था को दी गई है। इसके अलावा भवन की मरम्मत के अलावा यहां नए निर्माण में डिजिटल पुस्तकालय और म्यूजियम बनाया जा रहा है। कार्यदायी संस्था की ओर से निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया है।
मेस्टर्न लाइब्रेरी पर कब्जा चल रहा था। जिसको पूर्व में खाली कराया गया था। अब शासन की ओर से इस भवन को संजोने के लिए 3.65 करोड़ का बजट जारी किया है। इस भवन को संरक्षित करने के लिए इससे गेस्ट हाउस के रुप में विकसित किया जा रहा है। साथ ही डिजिटल लाइब्रेरी और म्यूजियम भी बनाया जा रहा है। निर्माण कार्य शुरु हो चुका है।
- डा. आस्था अग्रवाल चेयरमैन नगर पालिका पीलीभीत
यह भी पढ़ें- बरेली शहर के विकास को मिलेगी गति, पीलीभीत रोड टाउनशिप और इंडस्ट्रियल टाउनशिप स्वीकृत

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।