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    मंत्री असीम अरुण प्रतापगढ़ में बोले- गोरक्षपीठ ने भारतीय समाज को एकता के सूत्र में सदैव पिरोया, सीएम संत परंपरा को बढ़ा रहे

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sun, 12 Oct 2025 07:18 PM (IST)

    समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण का रविवार को प्रतापगढ़ आगमन हुआ। हादीहाल में सामाजिक समरसता में गोरक्षपीठ की भूमिका विषय पर आयोजित संगोष्ठी में वे शामिल हुए। कहा कि गोरक्षपीठ ने भारतीय समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवैद्यनाथ ने श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए जाति-पाति और भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संत परंपराओं को आगे बढ़ा रहे हैं। 

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    रविवार को प्रतापगढ़ में आयोजित संगोष्ठी में साहित्यकार को सम्मानित करते प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण ने कहा कि गोरक्षपीठ ने सदियों से भारतीय समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवैद्यनाथ ने प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए समाज में जाति-पाति और भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया।

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    बोले- मुख्यमंत्री संत परंपराओं को बढ़ा रहे आगे

    आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हीं संत परंपराओं को आगे बढ़ा रहे हैं। एक ऐसे समाज की दिशा में, जहां सबका साथ और सबका विकास हो। मंत्री ने यह बात सामाजिक समरसता में गोरक्षपीठ की भूमिका विषय पर रविवार को हादीहाल में आयोजित संगोष्ठी में कही।

    महंत अवैद्यनाथ की स्मृति में आयोजन 

    राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ महाराज की स्मृति में ब्लासम इंडिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिवदास वरिष्ठ प्रचारक एवं प्रभारी कारसेवकपुरम अयोध्या समेत कई लोग रहे। संयोजन शशि प्रकाश सिंह निदेशक ने किया।

    गोरक्षपीठ केवल धार्मिक नहीं, सामाजिक समरसता का प्रतीक

    कार्यक्रम में मुख्य रूप से सामाजिक समरसता में गोरक्षपीठ की भूमिका, गोरक्षपीठ का गौरवशाली इतिहास और समाजोत्थान के लिए उसके ऐतिहासिक प्रयास समेत विषयों पर विचार प्रवाह हुआ। स्वामी चैतन्य कौशिक प्रमुख स्वामी चिन्मय मिशन लखनऊ ने कहा कि लोगों को यह जानना चाहिए कि गोरक्षपीठ केवल धार्मिक संस्था नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक है।

    इन विशिष्टजनों ने भी व्यक्त किए विचार

    उन्होंने कहा कि गोरखनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी कमलनाथ दलित समाज से आते हैं। नाथ संप्रदाय में प्रवेश के बाद जाति का कोई अर्थ नहीं रह जाता। सदर विधायक राजेंद्र मौर्य, जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी समेत कई लोगों ने भी विचार रखे। साहित्यकार को उन्होंने सम्मानित भी किया।

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