प्रयागराज में 13 दिनों के SIR अभियान में पकड़ में आए दो लाख डुप्लीकेट वोटर्स, अभी संख्या और बढ़ने की संभावना
प्रयागराज में विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान 13 दिनों में लगभग दो लाख डुप्लीकेट मतदाता पाए गए हैं। करछना और मेजा के मतदाताओं के नाम शहर की विधानसभा क्षेत्रों में भी हैं। कौशांबी, फतेहपुर और चित्रकूट के कुछ मतदाता भी प्रयागराज की सूची में शामिल हैं। डुप्लीकेट मतदाताओं से गणना पत्रक भरवाकर उनका नाम एक ही स्थान पर रखा जाएगा।

प्रयागराज में SIR अभियान के तहत अब तक दो लाख डुप्लीकेट मतदाताओं का पता चला है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) अभियान में 13 दिनों में ही लगभग दो लाख डुप्लीकेट वोटर्स सामने आ गए हैं। अभी अभियान में 17 दिन हैं, जिसमें और भी डुप्लीकेट वोटर्स के सामने आने की संभावना जताई जा रही है। जनपद में लगभग साढ़े छह लाख डुप्लीकेट वोटर्स हैं, जिनके नाम अब एक स्थान की मतदाता सूची में किए जाएंगे।
एप से मतदाताओं की मैपिंग में पकड़ में आए
इस अभियान में बीएलओ एप से मतदाताओं की मैपिंग में ये दो लाख डुप्लीकेट वोटर्स के नाम पकड़ में आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा करछना, मेजा के वोटर्स हैं जिनके नाम शहर दक्षिणी व शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में भी हैं। इसके अलावा हंडिया व फूलपुर के वोटर्स के भी शहर की सूची में नाम हैं। फूलपुर व हंडिया क्षेत्र के काफी लोगों के नाम झूंसी में भी है।
कौशांबी, फतेहपुर, चित्रकूट के कुछ वोटर प्रयागराज में
कौशांबी, फतेहपुर व चित्रकूट जिले के भी कुछ मतदाता हैं जिनका अपने गांव के साथ शहर पश्चिमी व उत्तरी विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम है। भदोही व जौनपुर तथा मीरजापुर के काफी संख्या में मतदाता हैं जिनका प्रयागराज के विधानसभा क्षेत्रों की सूची में नाम दर्ज हैं।
खास-खास
-46 लाख 87 मतदाताओं का ब्यौरा शनिवार रात तक इकट्ठा कर लिया गया।
-4713 बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं का कर रहे सत्यापन
-04 दिसंबर तक गणना प्रपत्र जमा करना होगा मतदाता सूची में बने रहने के लिए
-2003 की मतदाता सूची में जिनका नाम नहीं, उनके लिए पात्रता प्रमाण आवश्यक
-13 प्रकार के दस्तावेज स्वीकृत हैं जिनमें आधार और अन्य प्रमाण पत्र भी शामिल
यहां के वोटर दिल्ली एनसीआर की मतदाता सूची में
प्रयागराज के कुछ मतदाताओं के नाम दिल्ली एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों की मतदाता सूची में दर्ज है। ऐसे मतदाताओं की मैपिंग के साथ ही मैचिंग व लिकिंग कर उनके ईपिक नंबर से एक ही स्थान पर नाम रखे जाएंगे। इसके लिए मतदाताओं से ही गणना पत्रक में जिस स्थान की मतदाता सूची में वे चाहते हैं, वहां की सूची में नाम रखा जाए तथा मतदाता नहीं चाहेंगे तो वहां से उनका नाम काटा जाएगा। सोमवार तक लगभग 95 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का जिले में वितरण हो गया। वहीं पिछले दो दिनों से गणना प्रपत्र जमाकर उन्हें डिजिटाइज भी करने का कार्य शुरू हो गया है।
क्या कहती हैं उप जिला निर्वाचन अधिकारी
उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम प्रशासन पूजा मिश्रा का कहना है कि डुप्लीकेट वोटर्स के नाम एक ही स्थान की सूची में रखा जाएगा। जो भी डुप्लीकेट वोटर सामने आ रहे हैं, उनसे ही गणना प्रपत्र पर किसी एक स्थान की सूची में नाम रखने को लिखवाया जाएगा, जिसके बाद उनका एक स्थान से काट दिया जाएगा।
गणना पत्रक भरते समय ध्यान दें
-हर मतदाता को गणना पत्रक भरना अनिवार्य है। यदि किसी का नाम दो स्थानों पर दर्ज है तो दो फार्म मिलेंगे मगर मतदाता को केवल उस क्षेत्र का फार्म भरना होगा, जहां वे नाम रखना चाहते हैं।
-गणना पत्रक में सभी दी गई जानकारी सत्य होनी चाहिए। गलत जानकारी देने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है। इसलिए कोई भी असत्य जानकारी न दें।
-प्रत्येक मतदाता को मिलने वाला विशिष्ट गणना प्रपत्र (ईएफ) आंशिक रूप से पहले से भरा होगा। इसमें मतदाताओं को अपनी जानकारी भरकर बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) को देना है।
-पत्रक के वितरण-संग्रहण के लिए बीएलओ तीन बार घर-घर जाएंगे। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मतदाता अपना नाम व रिश्तेदार का नाम पिछली एसआइआर मतदाता सूची में देखकर भर सकते हैं।
-सहायता के लिए मतदाता ईसीआईनेट ऐप पर ‘बुक-ए-काल विद बीएलओ.’ सुविधा से बीएलओ से जुड़ सकते हैं। टोल-फ्री हेल्पलाइन के लिए एसटीडी कोड के साथ 1950 डायल कर सकते हैं।

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