Diwali 2025 : दीवाली पर कल पूजन का शुभ मुहूर्त कब, मां लक्ष्मी को कैसे करें प्रसन्न, क्या बरतें सावधानी... बता रहे ज्योतिर्विद
दीपावली का पर्व सुख, समृद्धि और वैभव का प्रतीक है। इस दिन माँ लक्ष्मी, कुबेर और गणेश जी की पूजा की जाती है। ज्योतिर्विदों के अनुसार, पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 7.10 बजे से रात 9.06 बजे तक है। हस्त नक्षत्र में पूजन करना धन-धान्य की प्राप्ति के लिए उत्तम माना जाता है। पूजन के दौरान शुद्धता और सावधानी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कमलगट्टे का जाप करना चाहिए।

Diwali 2025 दीवाली पर कल लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त और सावधानियां बरतने की सलाह प्रयागराज के ज्योतिर्विदों ने दी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Diwali 2025 अंधकार पर प्रकाश की विजय, सुख-समृद्धि, वैभव-विरासत के पर्व दीपावली को लेकर उल्लास है। उमंग और उत्साह भी। सोमवार को सूर्यास्त के बाद हर घर, गली-चौराहे, मठ-मंदिर दीपों से जगमाएंगे। मां लक्ष्मी, कुबेर व गणेश जी का पूजन होगा। व्यापार की खुशहाली के लिए बहीखाता बदले जाएंगे।
हस्त नक्षत्र में पूजन से धन-धान्य की प्राप्ति : आचार्य देवेंद्र
Diwali 2025 ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार कार्तिक कृष्णपक्ष की अमावस्या 20 अक्टूबर की दोपहर 2.57 बजे से लग जाएगी। शाम 7.10 से रात 9.06 बजे तक वृष की स्थिर लग्न रहेगी। हस्त नक्षत्र का संचरण अत्यंत उत्तम है। इसमें पूजन करने से धन-धान्य की प्राप्ति होगी।
पूजन में बरतें सावधानी : शिवमूरत
मां ललिता देवी मंदिर के पुजारी शिवमूरत मिश्र (राजा पंडित) के अनुसार दीपावली पर लक्ष्मी, गणेश व कुबेर के पूजन में विशेष सावधानी रखनी चाहिए। स्नान के बाद शुद्ध व सफेद वस्त्र धारण करें। इसके बाद चौकी पर लक्ष्मी, गणेश व कुबेर की मूर्ति को रखकर उसमें मौली बांधे। फिर चौकी पर छह चौमुखे व 26 छोटे घी के दीपक जलाएं। इसके बाद देवताओं को गंगाजल से स्नान कराने के बाद रोली, अक्षत, मिष्ठान, धूप, धान का लावा, मधु, सफेद मेवा, दीप आदि अर्पित करें। फिर मां लक्ष्मी का मन में आह्वान करते हुए ''लक्ष्मीश्रोत व श्रीसूक्त'' का पाठ करना चाहिए।
होगी मां काली की तंत्र साधना : आचार्य विद्याकांत
Diwali 2025 पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार कार्तिक कृष्णपक्ष की अमावस्या की मध्यरात्रि (सेामवार की आधी रात) मां काली को प्रसन्न करने के लिए महानिषा, तांत्रिक पूजा की जाएगी। मां काली के पूजन के लिए सबसे उत्तम समय रात्रि 12.58 से 3.19 बजे तक किया जा सकता है। तांत्रिक पूजन में शामिल लोगों में पूरे समय जागृत अवस्था में रहना चाहिए। अगर पूजा के दौरान झपकी भी आ जाती है तो वह खंडित हो जाती है। में तांत्रिक अनुष्ठान के माध्यम से मां को प्रसन्न किया जाता है।
लक्ष्मी प्रसन्नता को कमलगट्टे से करें जाप : आचार्य अमित
Diwali 2025 ज्योतिषाचार्य आचार्य अमित बहोरे के अनुसार मां लक्ष्मी के पूजन में कमलगट्टे का विशेष महत्व है। मां लक्ष्मी के पूजन में कमलगट्टे की माला से ''ओम श्रीं हृीं श्री कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद ओम श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:'' का 108 बार जाप करने से मां लक्ष्मी अतिशीघ्र प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा ग्रहीय परिवर्तन को देखते हुए सबसे लक्ष्मी, गणेश, कुबेर के अलावा दूसरे देवताओं की भी पूजा करनी चाहिए। इससे हर भवबाधा से मुक्ति मिलती है।
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