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    Diwali 2025 : एक ऐसी सब्जी जो दीवाली पर जरूर खाई जाती है, परंपरा का निर्वहन या फिर वैज्ञानिक कारण?

    By RAJENDRA PRASAD YADAVEdited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Mon, 20 Oct 2025 06:40 PM (IST)

    दीपावली पर सूरन की सब्जी का विशेष महत्व है। हर घर में यह सब्जी बनाई जाती है, जो एक प्राचीन परंपरा का हिस्सा है। सूरन में औषधीय तत्व पाए जाते हैं, जो डायबिटीज, कैंसर और पाचन संबंधी समस्याओं में लाभकारी होते हैं। कौड़िहार के किसान बताते हैं कि सूरन की खेती मार्च-अप्रैल में होती है और अक्टूबर में इसकी खुदाई की जाती है। इस दौरान सूरन 80-100 रुपये प्रति किलो तक बिका।

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     Diwali 2025 : दीवाली पर क्यों खाई जाती है सूरन की सब्जी, बदलते मौसम में बीमारी को रोकने में सहायक भी है। जागरण 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Diwali 2025 ऐसी सब्जी जिसकी मांग दीपावली पर अधिक होती है। हर घर में इसकी सब्जी जरूर बनती है। तमाम पकवान के साथ ही लोग इसका भी स्वाद लेते हैं। बेजोड़ स्वाद से भरी इस सब्जी को दीवाली में खरीदने की होड़ मची रहती है।

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    सूरन की दीवाली पर अधिक मांग, परंपरा में है शामिल 

    यह सब्जी है सूरन। जी हां दीवाली पर इसकी अधिक डिमांड की वजह यह है कि इसकी सब्‍जी बनाने की प्राचीनकाल से परंपरा चली आ रही है, जो निरंतर जारी है। कहते हैं कि दीपावली पर सूरन की सब्जी नहीं खाई तो मानो कुछ नहीं खाया।

    सूरन में औषधीय तत्व पाए जाते हैं

    सूरन की सब्जी की खास बात यह है कि इसमें औषधीय तत्व शामिल हैं। यह कई गंभीर बीमारियों के लिए काफी लाभकारी है। विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज, कैंसर, वजन कम करने के लिए, मस्तिष्क आदि बीमारी। डाक्टरों का भी मानना है कि सूरन के अन्य लाभ भी हैं। इस मौसम में पाचन संबंधी समस्या को दूर करने में भी सूरन का उपयोग लाभकारी होता है।

    80 से 100 रुपये प्रति किग्रा बिका सूरन

    दीपावली पर सूरन की सब्जी हर घर में बनाने की परंपरा है। यही वजह है कि दीपावली पर सूरन अन्य सब्जियों पर भारी पड़ी। 80-100 रुपये किलाे तक सूरन बिका। कौड़िहार के किसान सुरेश यादव, मनोज कुमार, मुलायम ने बताया कि सूरन की खेती जमीन के भीतर होती है। यह काफी लाभप्रद है। इसमें कई तरह के औषधीय तत्व भी रहते हैं।

    मार्च-अर्पेल में होती है बोआई 

    एक बीघे में सूरन की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं। इसकी खेती में बहुत समय भी नहीं लगता है। मार्च-अप्रैल में इसकी बोआई की जाती है और पांच-छह माह में यह तैयार हो जाता है। अक्टूबर माह के शुरुआती सप्ताह में ही इसकी खोदाई शुरू हो जाती है। इसकी खेती में अधिक मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है। इसके न सूखने और न खराब होने का भय रहता है।

    स्वादिष्ट इतनी कि क्या कहने...

    सूरन की सब्‍जी बनाना बेहद आसान होता है। सबसे पहले सूरन को छीला जाता है। इसके बाद उसके पतले-पतले टुकड़े काटे जाते हैं। कुकर में डालकर थोड़ी देर तक इसे पकाया जाता है। इसके बाद गरम मसाला के साथ जैसे अन्‍य सब्‍जियां बनाई जाती हैं, इसे तैयार किया जाता है। इसके बाद इसे खाने वाले यह जरूर कहते हैं कि वाह सूरन की सब्‍जी खाकर मजा आ गया।

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