राजधानी से भी तेज औसत गति से DFC पर दौड़ी विशेष ट्रेन तो खुशी से झूमे अधिकारी, सूबेदारगंज के कंट्रोल कमांड सेंटर में जश्न
प्रयागराज में डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (DFC) पर पहली यात्री ट्रेन चली, जिसने भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। डगमगपुर से शुरू हुई इस विशेष ट्रेन ने 100 किमी/घंटा की गति प्राप्त की, जिसे राजधानी एक्सप्रेस से भी अधिक बताया गया। अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक इसका स्वागत किया। उप महाप्रबंधक मनु प्रकाश दुबे ने कहा कि इससे माल संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा।

प्रयागराज के सूबेदारगंज स्थित ईस्टर्न डेडीकेटेड थर्ड कारिडोर के कंट्रोल कमांड सेंटर से ट्रेन की लाइव लोकेशन देखते उत्साहित अधिकारी। सौ. रेलवे
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। दिसंबर 2020 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माल ढुलाई के लिए बनाए गए समर्पित रेल गलियारे पर मालगाड़ियों की परिकल्पना को आकार दिया था, तब किसी ने सोचा नहीं था कि एक दिन इस पर यात्री ट्रेनें भी दौड़ेंगी। हालांकि अब भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है।
ट्रेन ने ट्रैक पर दिखाया रफ्तार तो सूबेदारगंज में बजी ताली
बुधवार रात 10:41 बजे, जब घड़ी की सुईं रात की गहराई में डूब रही थीं, तब डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) के ट्रैक पर पहली यात्री ट्रेन के पहिए दौड़े। डगमगपुर से शुरू हुई यह विशेष ट्रेन कौशल के साथ रफ्तार पकड़ने लगी। सूबेदारगंज स्थित कंट्रोल कमांड सेंटर में तालियां गूंज उठीं। सीजीएम ए.बी. शरण, उप महाप्रबंधक मनु प्रकाश दुबे, प्रकाश चंद, अरविंद पांडे और मयंक राणा सहित अधिकारियों ने उत्साह से स्वागत किया। यह पल न केवल तकनीकी उपलब्धि था, बल्कि रेलवे की नई दिशा का प्रतीक बन गया।
ऊंचडीह स्टेशन के पास ट्रेन की गति 100 किमी/घंटा थी
रात 11:34 बजे, जब ट्रेन ऊंचडीह रेलवे स्टेशन के निकट पहुंची, तो उसकी गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक हो चुकी थी। पूरे सफर में औसत गति 92 किलोमीटर प्रति घंटा रही, जो राजधानी एक्सप्रेस की 85-87 किमी/घंटा से कहीं आगे है।
यात्री ट्रेन से माल संचालन प्नभावित नहीं हुआ
उप महाप्रबंधक मनु प्रकाश दुबे ने कहा, मालगाड़ियों के लिए बने इस कारिडोर पर यात्री ट्रेन चलाकर हम गौरवान्वित हैं। कंट्रोलर उत्साह से झूम रहे हैं। यह दिन दुनिया जीतने जैसा लग रहा है। रेलवे जब कहेगा, जितनी यात्री ट्रेनें कहेगे, हम उन्हें डीएफसी से चलाएंगे। उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में 55-60 मालगाड़ियां चलती हैं, छठ के कारण कोयले का लदान कम होने से 45-46 ही चल रही हैं, लेकिन यात्री ट्रेन से माल संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा।
मुख्य महाप्रबंधक ने इसे ऐतिहासिक बताया
मुख्य महाप्रबंधक एबी शरण ने इसे ऐतिहासिक करार देते हुए कहा, हम इतिहास का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहे हैं। हर किसी को बधाई। यह भविष्य की लकीर है। हम सिर्फ मालगाड़ियां ही नहीं, यात्री ट्रेनें भी चला सकते हैं। परिवर्तन का युग शुरू हो गया है। दो दिनों से कमांड सेंटर के कर्मी उत्साहित थे। गुरुवार को ट्रेन चलते ही सभी की नजरें स्क्रीन पर टिकी रहीं, लाइव लोकेशन ट्रैक करते रहे।
प्रयागराज से गुजरते इस कारिडोर ने नई उम्मीद जगाई
उन्होंने कहा कि डीएफसी, जो मुख्यतः माल ढुलाई के लिए डिजाइन किया गया है। अब यात्री सेवाओं की क्षमता प्रदर्शित कर रहा है। इससे न केवल गति बढ़ेगी, बल्कि मुख्य लाइनों पर भीड़ कम होगी। यह कदम रेलवे की क्षमता विस्तार और आधुनिकीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। प्रयागराज से गुजरते इस कारिडोर ने नई उम्मीदें जगाई हैं।
हर किसी के लिए गौरवान्वित करने वाला क्षण
उन्होंने बताया कि जैसे ही यह ट्रेन इंटरचेंज कर फ्रेट कारीडोर पर आई कंट्रोल कमांड सेंटर में कर्मचारियों के चेहरे मुस्कुरा उठे और तालियों की गूंज के साथ इस ऐतिहासिक दिन का कर्मचारी-अधिकारी साक्षी बने। कर्मचारियों ने भारत माता का जयघोष कर इस पल को हर किसी के लिए और गौरवान्वित करने वाला क्षण बना दिया।

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