Magh Mela 2026 : प्रयागराज माघ मेला में कल्पवास इस बार 29 दिनों का होगा, इसका कारण व स्नान पर्वों की तिथियां भी जान लें
Magh Mela 2026 प्रयागराज में माघ मेला इस बार पुरुषोत्तम मास के प्रभाव के कारण कम दिनों का होगा। माघ मास जो सामान्यत 30 दिनों का होता है इस बार केवल 29 दिनों का होगा। कल्पवास की अवधि पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक रहेगी लेकिन तिथियों के घटने से स्नान पर्वों पर असर पड़ेगा। पुरुषोत्तम मास हर तीन साल में आता है ताकि सौर-चंद्र वर्ष में संतुलन बना रहे।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Magh Mela 2026 साधना, समर्पण व सनातन संस्कृति के संस्कार के संवाहक माघ मेला में पुरुषोत्तम मास का प्रभाव पड़ेगा। माघ मास में जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति, मोक्ष की संकल्पना साकार करने लाखों संत व श्रद्धालु समस्त सुख-सुविधाओं से मुक्त होकर संगम की रेती पर धूनी रमाते हैं। काया कल्प को एक महीने तक कल्पवास करने देश के विभिन्न क्षेत्रों से गृहस्थ आते हैं। संतों व कल्पवासियों की तपस्या अबकी ज्यादा लंबी नहीं रहेगी, क्योंकि माघ का महीना 29 दिनों का रहेगा।
संगम की रेती पर प्रतिवर्ष 30 दिनों का होता है माघ मेला
Magh Mela 2026 तीर्थराज प्रयाग में माघ मास में कल्पवास की सदियों पुरानी परंपरा है। कल्पवास की समयसीमा पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक रहती है। उसका शुभारंभ पौष पूर्णिमा के अगले दिन माघ मास आरंभ होने पर माना जाता है। उस दौरान गंगा की गोद में तंबुओं की नगरी बसती है। हर वर्ष माघ का महीना 30 दिनों का होता है। अबकी उसका एक दिन कम हो गया है। ऐसा कम देखने को मिलता है जब माघ मास का दिन कम हो जाए।
...इसलिए माघ मास कम हो रहा एक दिन
ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार तीर्थराज प्रयाग में तीन जनवरी 2026 को पौष पूर्णिमा से त्याग-तपस्या आरंभ हो जाएगा, लेकिन माघ मास चार जनवरी से लगकर एक फरवरी माघी पूर्णिमा स्नान पर्व तक रहेगा। 31 जनवरी की सुबह 7.13 बजे तक त्रयोदशी तिथि है। उक्त तारीख पर सूर्योदय 6.34 बजे होगा। इससे माघ शुक्लपक्ष चतुर्दशी तिथि की हानि हो रही है। माघ मास का एक दिन इसी से कम हो रहा है। इसके पीछे पुरुषोत्तम मास का प्रभाव है।
तीन वर्ष में ही क्यों आता है पुरुषोत्तम मास
Magh Mela 2026 पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार पुरुषोत्तम मास तीन वर्ष में आता है। वर्ष 2026 में 17 मई 15 जून तक रहेगा। यह महीना सौर वर्ष और चंद्र वर्ष को सही तालमेल में लाने के लिए जोड़ा जाता है। इसके लिए तीन वर्ष तक तिथियों की कटौती होती है। उसका प्रभाव माघ मेला में पड़ रहा है। इस माह में किए गए धार्मिक कार्य और पूजा-पाठ का विशेष फल मिलता है।
माघ मेला 2026 स्नान पर्वों की तिथियां
-तीन जनवरी को पौष पूर्णिमा
-14 जनवरी को मकर संक्रांति
-18 जनवरी को मौनी अमावस्या
-23 जनवरी को वसंत पंचमी
-एक फरवरी को माघी पूर्णिमा
-15 फरवरी को महाशिवरात्रि
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