पितृपक्ष के पहले दिन चंद्र ग्रहण, सूतक काल में प्रयागराज के मंदिरों के पट बंद, गंगा-यमुना के संगम में लगाई डुबकी
पितृपक्ष के आरम्भ पर प्रयागराज में हजारों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान और तर्पण किया। पितरों की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण किया गया। रविवार की रात चंद्रग्रहण लगने के कारण दोपहर दो बजे से मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। ग्रहण के बाद सोमवार सुबह मंदिरों को धोकर फिर से खोला जाएगा जिसके बाद श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।

प्रयागराज। इसे संयोग ही कहेंगे कि इस बार पितृ पक्ष के पहले दिन चंद्र ग्रहण का साया है। चंद्र ग्रहण तो रात में है लेकिन दोपहर में सूतक लगने के कारण प्रयागराज में मंदिरों के कपाट को बंद कर दिया गया। अब कल यानी सोमवार सुबह भक्तों को दर्शन मिल सकेगा। उधर पितृपक्ष को लेकर संगम में स्नान कर पितरों का लोगों ने तर्पण किया।
पितृपक्ष का शुभारंभ होने पर रविवार को तीर्थराज प्रयाग में स्नान, तर्पण करने हजारों श्रद्धालु जुटे। इस दौरान गंगा और यमुना के संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर पितरों की तृप्ति के निमित्त तीर्थ पुरोहितों के मंत्रोच्चार के बीच पिंडदान व तर्पण किया। यह क्रम दोपहर तक चला।
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रविवार की रात चंद्र ग्रहण लगने वाला है। ग्रहण का सूतक दोपहर दो बजे से लग गया है। ऐसे में हर मंदिर का कपाट कर दिया गया है। मां अलोपशंकरी, मां ललिता देवी, मां कल्याणी देवी, श्री मनकामेश्वर महादेव, नागवासुकि सहित समस्त मंदिरों में पूजन के बाद कपाट बंद कर दिया गया।
बताया गया है कि चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद सोमवार की भोर में मंदिरों की साफ-सफाई और धुलाई करने के बाद कपाट खोला जाएगा। इसके बाद ही श्रद्धालुओं को मंदिरों में दर्शन और पूजन सुलभ हो सकेगा।
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