अस्पताल में बच्ची बदलने का आरोप, 21 घंटे चली पंचायत बेनतीजा, डीएनए जांच की सहमति पर माने
प्रतापगढ़ के राजा प्रताप बहादुर अस्पताल में बच्चा बदलने का आरोप लगने से हंगामा मच गया। 21 घंटे पंचायत चली पर नतीजा नहीं निकला। डीएनए जांच पर सहमति बनी ...और पढ़ें

प्रतापगढ़ के राजा प्रताप बहादुर अस्पताल के महिला विंग के एसएनसीयू वार्ड में सीएमएस के साथ जांच करतीं अस्पताल पुलिस चौकी प्रभारी। जागरण
संसू, जागरण, प्रतापगढ़। राजा प्रताप बहादुर अस्पताल के महिला विंग में बच्चा बदलने को लेकर हंगामा मच गया। 21 घंटे की पंचायत के बाद नवजात बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराने को स्वजन राजी हुए। विवाद की जांच के लिए डीएनए जांच पर सहमति बनी है। साथ ही सीएमएस स्तर से तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है।
अचलपुर निवासी अभिषेक कुमार की पत्नी आंचल को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार दोपहर लगभग 12 बजे अस्पताल लाया गया। यहां पर महिला डाक्टर ने जांच करके बताया कि बच्चे की स्थिति ठीक नहीं है। आपरेशन से उसे बच्चा पैदा हुआ, कंडीशन ठीक न होने से उसे एसएनसीयू वार्ड में ले जाकर सीपीआर दिया गया, लेकिन डाक्टर बच्चे को बचा नहीं सके। डाक्टर ने जांच करके बताया कि बच्चे ने गंदा पानी पी लिया, इस कारण वह जीवित नहीं रह सका। परिवार के लोगों को अस्पताल कर्मियों ने बच्चे का शव सौंप दिया।
स्वजन शव लेकर चले गए और उसे दफन भी कर दिया। देर रात करीब 10 बजे अभिषेक फिर से महिला अस्पताल पहुंचा और अपनी पत्नी के नाम पर दूसरी महिला जिसका नाम भी आंचल था और उसे चार दिसंबर को बेटा हुआ था, पर आरोप लगाने लगा कि उसके बच्चे को बदल दिया गया। इसे लेकर उसने रात 10:30 बजे हंगामा करना शुरू कर दिया। सूचना पर डायल हंड्रेड पुलिस व अस्पताल चौकी पुलिस भी मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। रविवार को सुबह से लेकर शाम तक इसे लेकर पंचायत चलती रही।
महिला अस्पताल के सीएमएस डा. रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि अस्पताल में आंचल नाम की दो प्रसूता थीं। एक के नवजात ने दम तोड़ दिया तो दूसरी आंचल को चार दिसंबर को हुआ बेटा स्वस्थ है। वह कटरा भुवालपुर की है। स्टाफ नर्स आंचल को नवजात को दूध पिलाने के लिए एसएनसीयू गेट से बुला रही थी।
इसी बीच अभिषेक के परिवार के लोग पहुंच गए। खुद का बच्चा होने का दावा करने लगे। चिकित्सकों ने इन्कार किया, मगर स्वजन जिस बच्चे को दफन किए थे उसे कब्र से निकालकर फिर से अस्पताल लेकर पहुंचे व हंगामा शुरू कर दिए।
21 घंटे तक अस्पताल में पंचायत करते रहे। रविवार शाम छह बजे पुलिस ने नवजात के शव काे पोस्टमार्टम को भेजा। असली माता-पिता नवजात बच्ची का कौन है, इसे पता करने के लिए डीएनए जांच की स्वजन की मांग है। बच्चा बदलने का आरोप पूरी तरह से निराधार है। स्वजन किसी के बहकावे में आकर इस तरह की बात कर रहे हैं। मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है। इसमें ओटी व एसएनसीयू के फुटेज की भी जांच होगी। डीएनए जांच पीएम रिपोर्ट के बाद विधिक परामर्श से ही तय हो सकेगी।
कराया जाएगा डीएनए टेस्ट, भेजा जाएगा सैंपल
नवजात बच्ची के असली माता-पिता कौन हैं, इसका पता लगाने के लिए पुलिस पोस्टमार्टम के बाद डीएनए का सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला फाफामऊ भेजेगी। अस्पताल चौकी प्रभारी अर्चना सिंह ने बताया कि जांच के बाद पता चलेगा कि नवजात बच्ची के असली माता और पिता कौन हैं।

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