Prayagraj Flood News : गंगा-यमुना ने फिर पकड़ी रफ्तार, प्रयागराज के नदी के तटवर्ती इलाकों में पांचवीं बार बढ़ी धड़कनें
Prayagraj Flood News पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के कारण प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। इससे तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। पहले बाढ़ से पीड़ित लोग चिंतित हैं और प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Prayagraj Flood News पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश व दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में बाढ़ का प्रभाव अब यहां भी दिखने लगा है। 12 घंटे के अंदर ही गंगा और यमुना के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। गुरुवार की रात और शुक्रवार की सुबह के बीच गंगा का जलस्तर 28 सेंटीमीटर और यमुना का जलस्तर 22 सेंटीमीटर बढ़ गया है। इससे तराई वाले इलाकों में धड़कनें बढ़ गईं हैं। बीते दिनों बाढ़ का दंश झेल चुके लोगों में चिंता की लकीरें हैं।
Prayagraj Flood News इस बार के मानसून में बाढ़ संगमनगरी के पीछे ही पड़ गई है। चार बार नदियों में आया उफान तराई के माेहल्लों व गांवों को अपनी आगोश में चल रहा है। पहली बार ऐसा हुआ कि संगम तट स्थित लटे हुए हनुमान जी ने चार बार जलशयन किया हो। अगस्त के आखिर में जलस्तर घटने लगा था, लेकिन अब फिर से इसने रफ्तार पकड़ ली है।
यह भी पढ़ें- House Tax : होटल-रेस्टोरेंट व शैक्षिक संस्थान नहीं जमा कर रहे गृहकर, होगी कुर्की, प्रयागराज नगर निगम कसेगा शिकंजा
सबसे तेजी गंगा ने पकड़ी है। गुरुवार की रात छतनाग में जलस्तर 80.42 मीटर था। शुक्रवार की सुबह यह 80.70 मीटर पर आ गया। फाफामऊ में जलस्तर 81.48 से बढ़कर 81.52 मीटर पहुंच गया। वहीं नैनी में यमुना का जलस्तर 12 घंटे पहले 80.95 मीटर दर्ज किया गया था। सुबह यह 81.17 मीटर रहा।
यह भी पढ़ें- Pitru Paksha 2025 : पितृ पक्ष में खरीदारी करना शुभ है अथवा अशुभ..., क्या कहते हैं प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य
Prayagraj Flood News शहर के झूंसी, नेवादा, राजापुर, नैनी, बेली समेत तराई वाले अन्य मोहल्लों व गंगा व यमुनापार के गांवों में लोगों की चिंता बढ़ गई है। यह वह इलाके हैं जो बाढ़ का दंश झेल चुके हैं। इसे लेकर प्रशासन ने भी अलर्ट घोषित कर दिया है। अफसरों को बाढ़ प्रभावित इलाकों की निगरानी करने व बाढ़ राहत शिविरों की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं।
पांचवीं बार हनुमान जी ने किया महास्नान
गंगा-यमुना का जल स्तर बढ़ने पर बांध स्थित बड़े हनुमान जी ने पांचवीं बार महास्नान (गंगा जल का मंदिर में प्रवेश) किया। पहली बार ऐसा मौका है जब गंगा मइया ने पांचवीं बार बड़े हनुमान जी को महास्नान कराया है। इसके पहले हनुमान जी ने जुलाई माह में तीन बार महास्नान किया था। मंदिर के महंत बलवीर गिरि के नेतृत्व में पुजारियों ने गंगा मइया और हनुमान जी की स्तुति की। पुष्प-माला अर्पित करके हनुमान चालीसा का पाठ करके मंदिर का पट बंद कर दिया। गंगा मइया ने पहली बार 15 जुलाई को गंगा जी ने बड़े हनुमान मंदिर में प्रवेश किया था। जलस्तर कम होने पर 17 जुलाई को मंदिर का पट खोल दिया गया, लेकिन 18 जुलाई को पुन: हनुमान जी ने महास्नान किया।
शयन करते समय तक चल प्रतिमा की की जाएगी पूजा
फिर 24 जुलाई को जलस्तर कम होने पर मंदिर का पट खुल गया। नागपंचमी पर्व पर 29 जुलाई को हनुमान जी ने पुन: महास्नान किया। जल स्तर कम होने पर 11 अगस्त को मंदिर खोला गया था। जल स्तर कम होने पर 11 अगस्त को मंदिर का पट दर्शन-पूजन के लिए खोला गया, लेकिन 25 अगस्त की दोपहर पुन: गंगा मइया ने मंदिर में प्रवेश किया। जल स्तर कम होने पर दो सितंबर को मंदिर का पट खुला था। इधर शुक्रवार को पुन: जल मंदिर में प्रवेश कर गया। हनुमान जी के शयन (जल) में रहने तक उनकी चल प्रतिमा (मूल प्रतिमा का स्वरूप) काे कारिडोर के बाहर कमरे में रखा गया है। हनुमान जी के शयन करते तक चल प्रतिमा की पूजा की जाएगी। भक्तों ने इन्हीं का दर्शन करेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।