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    सहारनपुर से चली और लखनऊ तक ही रह गई प्रयागराज की वंदे भारत, संगम नगरी के लोगों को मिली मायूसी

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Tue, 04 Nov 2025 06:50 PM (IST)

    लोकसभा चुनाव से पहले रेल मंत्री ने सहारनपुर से प्रयागराज तक वंदे भारत चलाने का वादा किया था, जिससे लोगों में उत्साह था। अब ट्रेन केवल लखनऊ तक ही चलेगी, जिससे प्रयागराज के लोग निराश हैं। रेलवे का कहना है कि संसाधनों की कमी के कारण विस्तार नहीं हो पा रहा है, लेकिन जल्द ही इस पर विचार किया जाएगा। प्रयागराज के लोग अभी भी वंदे भारत का इंतजार कर रहे हैं।

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    सहारनपुर से चलने वाली वंदे भारत का प्रयागराज के लोगों को है इंतजार, जिसे लखनऊ तक ही सीमित कर दिया गया है। 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रयागराज के लोग संगम की लहरों की तरह उत्साह से भरे थे, जब लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने सहारनपुर में बड़ा ऐलान किया था कि 'सहारनपुर से प्रयागराज तक वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ेगी' यह सुनकर शहरवासियों के चेहरे खिल उठे थे। हालांकि अब मायूसी दिखने लगी है। 

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    यहां के लोगों का आरामदायक होता सफर 

    सोचिए, इस वंदे भारत के प्रयागराज तक चलते। हाईकोर्ट के वकील, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र, संगम स्नान करने वाले श्रद्धालु सबको कितनी आसानी हो जाती। रास्ते में मेरठ की चहल-पहल, मुरादाबाद की ब्रास नगरी, बरेली की बर्फी की मिठास, लखनऊ की नवाबी शान और रायबरेली की हरियाली एक ट्रेन में सारा उत्तर प्रदेश घूमने का मजा मिल जाता। 

    अब सहारनपुर से लखनऊ तक चलेगी वंदे भारत 

    हालांकि अब यह सपना अधर में लटक गया है। ट्रेन तो चलने वाली है, पर सिर्फ लखनऊ तक। सात नवंबर से सहारनपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू हो रही है। हफ्ते में छह दिन (सोमवार को छोड़कर) यह सेमी-हाईस्पीड ट्रेन दौड़ेगी। सुबह की पहली किरण के साथ लखनऊ से रवाना होकर दोपहर ढलते सहारनपुर पहुंचेगी और शाम ढलते वापस लौटेगी। रास्ते में सीतापुर की धूप, शाहजहांपुर की हरियाली, बरेली का रौनक, मुरादाबाद का शोर, नजीबाबाद की शांति और रुड़की की इंजीनियरिंग की चमक सब कुछ तो है, पर प्रयागराज का नामोनिशान नहीं।

    यात्री खुश होंगे, लेकिन प्रयागराज वाले उदास

    ट्रेन नंबर 26504 सुबह पांच बजे लखनऊ चारबाग से चलेगी और दोपहर 12:45 बजे सहारनपुर पहुंच जाएगी। वापसी में 26503 दोपहर तीन बजे सहारनपुर से निकलेगी और रात 11 बजे लखनऊ लौटेगी। कुल सात घंटे 45 मिनट का सफर आरामदायक सीटें, स्वादिष्ट खाना, वाई-फाई की सुविधा। यात्री खुश होंगे, लेकिन प्रयागराज वाले उदास।

    संसाधनों की कमी ने सपने पर ब्रेक लगा दिया

    रेल अधिकारी बताते हैं, प्रयागराज तक जाने में छह घंटे और लगेंगे। इसके लिए दो रेक (ट्रेन सेट) चाहिए, लेकिन फिलहाल सिर्फ एक है। मतलब, संसाधनों की कमी ने सपने पर ब्रेक लगा दिया। प्रयागराज के लोग अब इंतजार की घड़ियां गिन रहे हैं। कब आएगा वह दिन, जब वंदे भारत संगम तट पर रुकेगी? कब हाईकोर्ट के चक्कर लगाने वाले वकील ट्रेन से उतरकर सीधे अदालत पहुंचेंगे? कब कुंभ और माघ के मेले में पश्चिम से सीधे प्रयागराज द्रुत गति से आ जाएंगे?

    'इंतजार कीजिए, जल्द होगा ट्रेन का विस्तार'

    फिलहाल उत्तर प्रदेश के ह्दय प्रयागराज को सहारनपुर से जोड़ने का वादा अधूरा रह गया। रेलवे का कहना है, इंतजार कीजिए, जल्द ही विस्तार होगा। प्रयागराज वाले मुस्कुराते हुए कहते हैं, ट्रेन आए या न आए, हमारा इंतजार तो जारी रहेगा।