SIR in Prayagraj : एसआइआर में घट रही शहरी क्षेत्र के मतदाताओं की संख्या, कहां-कितने प्रतिशत फार्म हुए डिजिटाइज?
SIR in Prayagraj प्रयागराज में एसआईआर अभियान के दौरान, शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या घट रही है। लोग गांव की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करान ...और पढ़ें

SIR in Prayagraj प्रयागराज में एसआइआर अभियान में गांवों की बढ़ती भागीदारी, शहरी मतदाता सूची में गिरावट है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। SIR in Prayagraj एसआइआर अभियान को लेकर कुछ मतदाता निष्क्रिय तो वहीं कुछ गंभीर दिख रहे हैं। गांव व शहर की मतदाता सूची में शामिल लोग अब गांव में वोटर बनने को ज्यादा वरीयता दे रहे हैं। इसके पीछे मुख्य वजह गांव में खेती-बाड़ी, मकान आदि के साथ ही अपनी पुश्तैनी पहचान को बनाए रखना है।
क्यों गांवों की सूची को लोग दे रहे वरीयता
गांवों में सूची की वरीयता देने की सोच यह भी है कि अगर एक देश एक चुनाव, एक मतदाता सूची प्रभावी हुई तो गांव में वोटर बने रहना शहर की तुलना में ज्यादा फायदेमंद होगा क्योंकि गांव ही मूल है। इसके अलावा आगामी पंचायत भी बड़ी वजह बताई जा रही है।
खास बातें
-78 प्रतिशत गणना प्रपत्र जनपद में अब तक हो चुके हैं डिजिटाइज
-46 लाख 92 हजर मतदाताओं में 36 लाख 48 हजार फार्म जमा
दो जगह मतदाता बनने पर होगी कार्रवाई
निर्वाचन आयोग के निर्देश हैं कि अगर आप दो जगह मतदाता होंगे तो आपके खिलाफ कार्रवाई होगी। यह डर भी लोगों को सता रहा है। इस कारण लोग शहर की अपेक्षा एसआइआर का गणना प्रपत्र अपने गांव से ज्यादा संख्या में भर रहे हैं। ज्यादा आबादी गांव से आकर शहर में बसी है। जिले के यमुनापार के करछना, मेजा, बारा व कोरांव के साथ ही गंगापार के फूलपुर, सोरांव व हंडिया और आसपास के जिलों कौशांबी, प्रतापगढ़, जौनपुर, भदोही, मीरजापुर, चित्रकूट के भी लोग शहर में हैं।
-काल सेंटर के नंबर 1950 एवं 0532-2644024
-आनलाइन https://voters.eci.gov.in/ पर फार्म भरने की सुविधा
अभियान में गांव की सहभागिता शहर की तुलना में ज्यादा
फिलहाल, एसआइआर के गणना प्रपत्र वितरण व डिजिटाइजेशन इस बात का संकेत दे रहा है कि इस अभियान में गांव की सहभागिता शहर की तुलना में ज्यादा है। जनपद में छह विधानसभा क्षेत्र बारा, मेजा, कोरांव, सोरांव, हंडिया व प्रतापपुर पूरी तरह ग्रामीण है। इन छह विधानसभा क्षेत्रों में बुधवार तक के निर्वाचन कार्यालय के आंकड़े के मुताबिक शहर पश्चिमी में 50 प्रतिशत, उत्तरी में 39 प्रतिशत तो दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में 43 प्रतिशत डिजिटाइजेशन का कार्य हुआ है।
कोरांव डिजिटाइजेशन में सबसे आगे
आंशिक रूप से शहरी विधानसभा क्षेत्र फाफामऊ में 68 प्रतिशत, फूलपुर में 66 प्रतिशत व करछना में 65 प्रतिशत डिजिटाइजेशन हुआ है। पूरी तरह से ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र कोरांव डिजिटाइजेशन में सबसे आगे है, जहां 84 प्रतिशत फार्म डिजिटाइज हो चुके हैं। इसी तरह ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में शामिल बारा में 78 प्रतिशत, मेजा में 71 प्रतिशत, हंडिया में 67 प्रतिशत, सोरांव में 73 व प्रतापपुर में 72 प्रतिशत फार्म डिजिटाइज हुए हैं। ये आंकड़े इसका संकेत दे रहे हैं कि शहरी क्षेत्र में फार्म भरने में लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं जबकि गांव में यह संख्या बढ़ती जा रही है।

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