परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास : CPU और UPS खराब, कैसे हो स्मार्ट क्लास में पढ़ाई, कान्वेंट जैसा नहीं पढ़ पा रहे बच्चे
प्रयागराज के परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था एक साल पहले की गई थी, जिससे बच्चे उत्साहित थे कि वे कान्वेंट की तरह पढ़ेंगे। लेकिन उपकरण खराब होने और शिक्षकों को प्रशिक्षण न मिलने से कई स्कूलों में स्मार्ट क्लास बंद हैं। CPU, UPS की खराबी और सॉफ्टवेयर समस्या के कारण बच्चों को लाभ नहीं मिल रहा है। शिक्षक अधिकारियों को जानकारी दे चुके हैं, फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।

तकनीकी समस्या के कारण प्रयागराज के कई परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास नहीं संचालित हो पा रही है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। परिषदीय स्कूलों में भारी भरकम बजट खर्च कर करीब एक वर्ष पूर्व स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गई। बच्चों को जब पता चला कि उनकी पढ़ाई स्मार्ट टीवी, कम्प्यूटर आदि की मदद से होने वाली है तो वे उत्साहित हो गए। उनमें ललक जगी कि कान्वेंट के बच्चों की तरह स्क्रीन देखकर वीडीओ की मदद से वे भी पढ़ सकेंगे।
स्मार्ट कक्षाओं का बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ
प्राय: अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थी भी स्कूल आने लगे लेकिन उनकी उम्मीद पर कुछ ही दिनों में पानी फिर गया। बहुत से स्कूलों की स्मार्ट क्लास उपकरण की खराबी के कारण बंद हैं। बच्चों को उनका लाभ नहीं मिल रहा है। शिक्षकों ने बीआरसी पर खंड शिक्षाधिकारियों को इसकी जानकारी भी दी लेकिन बात बनी नहीं।
कुछ स्कूलों में बिजली आदि की समस्या
कुछ स्कूलों में शिक्षकों को स्मार्ट क्लास संचालन का प्रशिक्षण नहीं दिया गया है तो कुछ में बिजली आदि की समस्या है। कौड़िहार प्रथम के उच्च प्राथमिक विद्यालय टिकरी में अप्रैल 2024 में स्मार्ट क्लास बनी। शिक्षक अपनी जागरूकता से इन उपकरणों के संचालन की प्रक्रिया को जैसे तैसे सीखने में सफल हुए। उसके बाद बच्चों को अलग अलग विषय व उपलब्ध कराए गए शैक्षणिक सामग्री से जोड़ा गया। करीब पांच महीने पूर्व यहां का सीपीयू खराब हो गया। कई बार विभाग को सूचना दी गई लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
सीपीयू ठीक कराया तो साफ्टवेयर समस्या
विद्यालय की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका गीता बघाड़िया कहती हैं कि पिछले महीन उन्होंने अपने स्तर से टेक्नीशियन को बुलाकर सीपीयू ठीक करा दिया लेकिन अब साफ्टवेयर की समस्या आ गई है। यहां तक की गूगल सर्च भी नहीं हो रहा है। जो शैक्षणिक सामग्री दी गई थी वह चल नहीं पा रही है। बिजली बैकअप भी नहीं मिल पाता है। ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण जब लाइट आती थी तभी उपकरणों का प्रयाग हो पाता था अब वह भी ठप है।
चार महीने से खराब है यूपीएस
उच्च प्राथमिक विद्यालय देवघाट, कोरांव को एक वर्ष पूर्व स्मार्ट क्लास मिली। यहां पंजीकृत 371 बच्चे उत्साह से भर उठे लेकिन कुछ महीने बाद ही वे निराश हो गए क्यों कि यूपीएस खराब हो गया। शिक्षामित्र अनुदेशक सहित यहां कुल 13 शिक्षक हैं। वे सभी चाहते हैं कि बच्चों को अच्छा शैक्षणिक वातावरण दें। जो सुविधाएं शासन स्तर से दी जा रही हैं, उनका प्रयोग किया जाए लेकिन उपेक्षा की चादर ऐसी फैली कि स्मार्ट क्लास की चमक समाप्त हो गई। सहायक अध्यापक पवन कुमार सिंह कहते हैं कि वह कक्षा चार के क्लास टीचर हैं, बच्चों को तकनीक से जोड़कर अध्यापन करना चाहते हैं लेकिन उपकरण साथ नहीं दे रहे हैं।
पहले आवाज बंद हुई अब स्क्रीन आन नहीं हो रही
कंपोजिट स्कूल मंदर, भगवतपुर में पिछले सत्र में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था दी गई। करीब पांच माह पूर्व स्मार्ट टीवी से आवाज आनी बंद हो गई। अब कुछ दिन से यह आन भी नहीं हो रही है। इंचार्ज प्रधानाध्यापक कंचन सिंह कहती हैं कि विद्यालय में 385 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। शुरू में विज्ञान शिक्षक ने स्वयं ही इसे चलाने का प्रयास किया और बच्चों को शैक्षणिक सामग्री से उपलब्ध कराती थीं लेकिन जब आवाज आनी बंद हो गई तब से इसका प्रयोग नहीं हो रहा। विभाग को सूचना दी गई लेकिन कोई सुन नहीं रहा है।
कंपोजिट स्कूल अमिलिया में भी समस्या
इसी तरह कंपोजिट स्कूल अमिलिया में यूपीएस खराब है। वह चार्ज नहीं होता। इंचार्ज प्रधानाध्यापक पुष्पलता कहती हैं कि सीधे लाइट से जोड़कर चलाने में उपकरण के खराब होने का डर है इसलिए बिना यूपीएस के नहीं चलाते हैं, हालांकि वह सोमवार को बीआरसी पर स्मार्ट क्लास संचालन का प्रशिक्षण लेने आई थीं लेकिन उपकरण खराब होने से वह चल ही नहीं रहा है। यदि यह चल जाएं तो 206 बच्चों को इसका लाभ मिलेगा।

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