Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    अब सिर्फ इन मनरेगा श्रमिकों को ही मिलेगा काम और भुगतान, सरकार ने जारी कर दिया आदेश

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 01:39 PM (IST)

    रायबरेली के ऊंचाहार में मनरेगा श्रमिकों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया है। खंड विकास अधिकारी ने सभी पंचायतों को यह प्रक्रिया समय पर पूरी कराने के निर्देश दिए हैं। ई-केवाईसी न होने पर श्रमिकों को काम और भुगतान नहीं मिलेगा। इस कदम का उद्देश्य मनरेगा योजना में हो रही धांधली को रोकना और श्रमिकों की सही पहचान सुनिश्चित करना है।

    Hero Image

    अब सिर्फ इन मनरेगा श्रमिकों को ही मिलेगा काम और भुगतान, सरकार ने जारी कर दिया आदेश


    संवाद सूत्र, ऊंचाहार (रायबरेली)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कार्यरत श्रमिकों के लिए अब ई-केवाईसी (इलेक्ट्रानिक पहचान सत्यापन) कराना अनिवार्य हो गया है। खंड विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने सभी ग्राम पंचायतों के श्रमिकों को समय से ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शासनादेश के अनुसार अब ई-केवाईसी से वंचित श्रमिकों को किसी भी कार्य स्थल पर काम न देने के साथ उनका भुगतान भी नहीं किया जा सकेगा। इससे मनरेगा योजना में हो रही धांधली पर विराम लग सकेगा।

    विकासखंड की 54 ग्राम पंचायतों में 25 हजार 170 जाब कार्ड धारक हैं। इनमें 17 हजार 556 श्रमिक विभिन्न गांवों में मनरेगा योजना के तहत अमृत सरोवर की खोदाई, चक मार्ग, इंटरलाकिंग, सड़क निर्माण, नाली नाला निर्माण, तालाबों का जीर्णोद्धार, कच्चे पक्के नालों का निर्माण जैसे अन्य कार्य सम्मिलित हैं।

    ग्रामीणों द्वारा मृत श्रमिकों व शहरों में रह रहे लोगों के नाम पर भुगतान कराए जाने की शिकायतें मिलती रहती हैं। खंड विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि ई-केवाईसी का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों की पहचान सुनिश्चित करना और किसी भी प्रकार की फर्जी प्रविष्टि या भुगतान में गड़बड़ी को रोकना है।

    ई-केवाईसी पूर्ण होने के बाद ही श्रमिकों का कार्य दिवस दर्ज किया जा सकेगा, और इसी आधार पर भुगतान किया जाएगा। सभी ग्राम पंचायत में कार्यरत रोजगार सेवक और महिला मेठ को ई-केवाईसी कराने की जिम्मेदारी दी गई है। जो मनरेगा मोबाइल एप के माध्यम से लाभार्थियों का सत्यापन कर उनकी पहचान प्रक्रिया पूरी करेंगे।

    इसके साथ ही ब्लाक स्तर पर अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ) को नोडल नामित किया गया है। जो कार्य की निगरानी करते हुए नियमित रूप से प्रगति रिपोर्ट कार्यालय को भेजेंगे। प्रशिक्षण के बाद सभी जिम्मेदारों को एक माह के भीतर ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण कराने के लिए निर्देशित किया गया है।