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    रायबरेली में लंपी वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जिले में पहुंची पांच हजार वैक्सीन की खेप

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 05:57 AM (IST)

    रायबरेली में गोवंश में लम्पी वायरस के खतरे को देखते हुए पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है। विभाग ने पांच हजार वैक्सीन मंगवाई हैं और कंट्रोल रूम स्थापित किया है। जिले में लगभग दो लाख गोवंश हैं जिनमें से 25 हजार गोशालाओं में संरक्षित हैं। पशु चिकित्सा अधिकारियों को अलर्ट रहने और पशु एंबुलेंस को तत्काल पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।

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    लंपी वायरस से बचने के लिए पांच हजार वैक्सीन की खेप पहुंची। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, रायबरेली। देश भर के गोवंशों में लंपी वायरस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। वहीं आसपास के जिलों में केस निकलने से पशु पालन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। विभाग ने पांच हजार वैक्सीन मंगवाई है। कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है, जिसका नंबर 9935068401 है। जिले में लगभग दो लाख, सात हजार, आठ सौ सात गोवंश है।

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    वहीं, 89 गोशाला में 25 हजार गोवंश संरक्षित हैं। लंपी वायरस गोवंशों के लिए जानलेवा है। समय रहते इलाज न होने से इसकी चपेट में आने वाले गोवंश की मौत हो जाती है। कई पड़ोस के जिले में यह पूरी तरह पांव पसार चुका है, वहां पर पशुओं के लिए संकट खड़ा हो गया है।

    इसकी गंभीरता को देखते हुए पशु पालन सतर्क हो गया है। हजारों की संख्या में वैक्सीन की पहली खेप पहुंच चुकी है। इसको सभी 38 पशु अस्पतालों में वितरित करा दिया गया है। पशु चिकित्साधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश जारी किया है। इसके अतिरिक्त पशु एंबुलेंस को भी सूचना पर तत्काल पहुंचने के लिए कहा गया हैं। चिकित्सकों को मुख्यालय न छोड़ने के निर्देश दिए हैं।

    वायरस का प्रकोप बढ़ने पर संबंधित गांवों को कंटेनमेंट जोन बनाकर टीका लगाया जाएगा। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही गांव के पशु पालकों से लगातार संपर्क किया जा रहा है, जिससे तुरंत एहतियाती कदम उठाए जा सके।

    उप पशु चिकित्साधिकारी संजय सिंह के निर्देशन में कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिले भर के सभी पशु चिकित्साधिकारियों को इससे संपर्क में रहने के आदेश जारी किए गए हैं। लंपी से संबंधित किसी प्रकार की सूचना तत्काल प्रभाव से कंट्रोल रूम को देनी होगी।

    लंपी वायरस के लक्षण पशुओं को बुखार आना, वजन में कमी, आंखों से पानी टपकना, लार बहना, शरीर पर दाने निकलना, दूध कम होना, भूख नहीं लगाना। इसके साथ ही पशुओं का शरीर दिन प्रतिदिन और खराब होते जाना।

    बरतें सावधानी

    गोशालाएं और पशुपालक अपने बीमार गोवंश को बाहर चराने के लिए न भेजें। बीमार पशुओं को स्वच्छ पशुओं से अलग रखें। उपचार के लिए तुरंत किसी नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें। पशुओं के बाड़े को साफ सुथरा रखें।

    बाड़े में नियमित रूप से मच्छर-मक्खी रोधी दवा का छिड़काव करें और नीम की पत्तियों, गूगल का धुआं करें। पशुओं में सामान्य लक्षण दिखाई देने पर बुखार रोधी दवा अवश्य दें। पशुओं को फिटकरी या लाल दवा से दिन में दो बार स्नान कराएं।

    लंपी को लेकर विभाग सतर्क है। वैक्सीन आ गई है। सभी चिकित्साधिकारियों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। कंट्रोल रूम की स्थापना कर दी गई है। -कुलदीप कुमार द्विवेदी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी।

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