माघ मेला 2026 में रेलवे लागू करेगा कलर कोडिंग सिस्टम, भीड़ नियंत्रण में होगी आसानी
प्रयागराज में माघ मेला 2026 के लिए रेलवे कलर कोडिंग सिस्टम लागू करेगा। इसका उद्देश्य भीड़ प्रबंधन को बेहतर बनाना है। यात्रियों को अलग-अलग रंग के कोड म ...और पढ़ें

माघ मेला 2026 में रेलवे लागू करेगा कलर कोडिंग सिस्टम।
जागरण संवाददाता, रायबरेली। आगामी माघ मेला 2026 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन महाकुंभ की तर्ज पर प्रयागराज जंक्शन जाने वाली ट्रेनों पर कलर कोडिंग व्यवस्था लागू करने जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत स्टेशन परिसर में यात्रियों के लिए अलग-अलग रंग के यात्री आश्रय स्थल बनाए जाएंगे।
इन आश्रय स्थलों के माध्यम से यात्रियों को प्रवेश वहां दिया जाएगा। प्रत्येक आश्रय स्थल पर रंग के साथ प्रमुख रूट भी अंकित होगा, जिससे श्रद्धालुओं को अपनी ट्रेन व प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में परेशानी न हो।
प्रत्येक रंग का एक निर्धारित मार्ग होगा। उदाहरण के तौर पर अगर किसी यात्री को लखनऊ रेलमार्ग के रूट से यात्रा करनी है तो उसे लाल रंग वाले आश्रय स्थल से प्रवेश दिया जाएगा। इससे यात्री सीधे उसी प्लेटफार्म तक पहुंच सकेगा, जहां उसकी ट्रेन आएगी।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि महाकुंभ के दौरान लागू इस व्यवस्था से यात्रियों को काफी राहत मिली थी, इसलिए इस बार भी इसे लागू किया जा रहा है। माघ मेला 2026 में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन पर लाल, नीला, पीला व हरा रंग कोडिंग के तहत चार यात्री आश्रय स्थल तैयार किए हैं। यह व्यवस्था मुख्य स्नान पर्व पर अनिवार्य रूप से लागू होगी। यदि सामान्य दिनों में भी अत्यधिक भीड़ रहती है तो कलर कोडिंग सिस्टम सक्रिय किया जाएगा।
यह सिस्टम स्नान पर्व के एक दिन पहले से लेकर एक दिन बाद तक लागू रहेगा। इन यात्री आश्रय स्थलों पर खानपान, पेयजल, शौचालय जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
इस प्रकार होगी कलर कोडिंग
- लाल रंग- लखनऊ, वाराणसी, अयोध्या रूट।
- हरा रंग- कानपुर व दिल्ली रूट।
प्रयागराज रेलवे जनसंपर्क अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि इस व्यवस्था से यात्रियों को सही प्लेटफॉर्म तक पहुंचाना आसान होगा तथा भीड़ नियंत्रण में मदद मिलेगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।