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    Vande Bharat: फिर कोई क्यों ही करेगा वंदे भारत एक्सप्रेस में सफर? इस कमी की वजह से यात्रियों का चढ़ा पारा

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 07:35 PM (IST)

    वंदे भारत एक्सप्रेस को हाई-स्पीड ट्रेन बताया गया पर गोरखपुर-प्रयागराज रूट पर इसकी औसत गति 66-70 किमी/घंटा है। किराया सामान्य ट्रेनों से दोगुना है जैसे रायबरेली-लखनऊ चेयरकार का किराया 680 रुपये है। त्रिवेणी एक्सप्रेस में यह किराया बहुत कम है। ट्रेन में आधी सीटें खाली जा रही हैं। रेलवे का कहना है कि ट्रैक के काम के कारण स्पीड कम है काम पूरा होने पर गति बढ़ेगी।

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    वंदे भारत एक्सप्रेस की रफ्तार आम ट्रेनों जैसी, किराया दोगुना से अधिक

    जागरण संवाददाता, रायबरेली। वंदे भारत एक्सप्रेस को हाई स्पीड और विशेष ट्रेन के तौर पर पेश किया गया था, लेकिन हकीकत इससे उलट दिख रही है। गोरखपुर-प्रयागराज वंदे भारत एक्सप्रेस की औसतन रफ्तार मात्र 66-70 किमी प्रति घंटा रह गई है, जो कि सामान्य ट्रेनों के बराबर है। रेलवे ने इन ट्रेनों की रफ्तार 110 किमी प्रति घंटा होने का दावा किया था, लेकिन यात्रियों को अपेक्षित गति का लाभ नहीं मिल रहा।

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    खास बात यह है कि इन ट्रेनों का किराया अन्य ट्रेनों की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। जैसे, रायबरेली-लखनऊ व रायबरेली से प्रयागराज के बीच वंदे भारत की चेयरकार श्रेणी में किराया 680 रुपये और एक्जीक्यूटिव श्रेणी में 1305 रुपये है, जबकि त्रिवेणी एक्सप्रेस की स्लीपर श्रेणी में यही दूरी तय करने का किराया लखनऊ का 160 रूपये व प्रयागराज के लिए 265 रुपये है।

    इसकी औसत रफ्तार 60-65 किमी प्रति घंटे के बीच बनी हुई है और अब यह लेटलतीफी का भी शिकार होने लगी है। वंदे भारत को यात्रियों का रिस्पॉन्स भी कमजोर मिल रहा है। ट्रेन में 50 प्रतिशत से ज्यादा सीटें खाली जा रही हैं।

    इस वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन में पहले यात्रियों की संख्या अधिक होने पर आठ बोगियों से 16 बोगियां तक विस्तारित किया गया है, लेकिन फिर भी बुकिंग की स्थिति कमजोर है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब रफ्तार समान है और किराया ज्यादा, तो यात्री क्यों न सामान्य ट्रेनों को प्राथमिकता दें।

    वरिष्ठ मंडल प्रचालन प्रबन्धक रजनीश कुमार का कहना है कि वंदेभारत एक्सप्रेस की स्पीड गति 110 की जगह 130 होगी।जिसको लेकर वंदेभारत के चलने वाले पुरानी पटरी व स्विच बदले जा रहे है।स्पीड कम होने के पीछे की बात उन्होने बताया कि रेलपटरी में जगह जगह कार्य चलने पर काशन लगे होने के कारण स्पीड धीमा हुआ है लेकिन कार्य पूरा होने के बाद स्पीड से ट्रेनें दौड़ने लगेंगी।