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    Vande Bharat Sleeper Train: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में बढ़ेगी सुरक्षा और आराम, आरडीएसओ तैयार करेगा नए मानक

    By Sarvesh Tripathi Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Wed, 05 Nov 2025 03:45 PM (IST)

    More Comfort and Security in Vande Bharat Sleeper Express:  रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे को 16-कोच वाली स्लीपर रेक को 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलाने की मंजूरी भी प्रदान की है। इन कदमों से भारतीय रेल की तकनीकी गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों में एक और बड़ा सुधार होने जा रहा है।

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    वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस ट्रेन

    जागरण संवाददाता, रायबरेली : यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को और बेहतर बनाने के लिए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में कई अहम बदलाव किए जा रहे हैं। रेलवे बोर्ड को मिले सुझावों के आधार पर रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) को नए मानक निर्देश तैयार करने को कहा गया है।

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    मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने ट्रेन को मंजूरी देते समय कई सुधारात्मक कदम सुझाए हैं, जिनमें अग्निरोधी केबल, आसानी से पहुंच योग्य पैनिक बटन और वायरिंग दोष पता करने वाले उपकरण शामिल हैं। फिलहाल कोचों में लगे इमरजेंसी अलार्म बटन ऊपरी बर्थ के पीछे छिपे हैं, जिन्हें अब यात्रियों की नजर और पहुंच में आने वाली जगहों पर शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया है।
    इसके अलावा, रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने सीसीटीवी और क्रैश हार्डेंड मेमोरी मॉड्यूल के लिए विशेष प्रकार की अग्निरोधी केबल लगाने की सिफारिश की है, ताकि आग लगने की स्थिति में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

    दरभंगा ट्रेन हादसे की जांच रिपोर्ट के बाद ट्रेन में आर्क फॉल्ट डिटेक्शन डिवाइस लगाने का भी सुझाव दिया गया है, जिससे वायरिंग में किसी भी तरह की गड़बड़ी या स्पार्क का तुरंत पता लगाया जा सके। फर्स्ट एसी कोच में एयर-कंडीशनिंग डक्ट की स्थिति में भी बदलाव किया जाएगा, ताकि बेहतर वेंटिलेशन और रखरखाव की सुविधा मिल सके।

    मंडल रेल प्रबंधक, उत्तर रेलवे लखनऊ, सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि इन सुधारों के साथ आने वाले वंदे भारत स्लीपर वेरिएंट न केवल अधिक सुरक्षित होंगे बल्कि यात्रियों के लिए और भी आरामदायक यात्रा अनुभव देंगे।

    रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे को 16-कोच वाली स्लीपर रेक को 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलाने की मंजूरी भी प्रदान की है। इन कदमों से भारतीय रेल की तकनीकी गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों में एक और बड़ा सुधार होने जा रहा है।