संकट में आजम खान की Y श्रेणी सुरक्षा, शासन स्तर पर नए सिरे से शुरू हुआ मंथन; खुफिया विभाग से मांगी गई रिपोर्ट
सपा नेता आजम खान की वाई श्रेणी की सुरक्षा खतरे में है। सजा के बाद सुरक्षा हटा दी गई थी, लेकिन जमानत पर रिहा होने के बाद इसे फिर से बहाल कर दिया गया है। शासन अब इस पर पुनर्विचार कर रहा है कि सजायाफ्ता होने के बाद उन्हें यह सुरक्षा देना उचित है या नहीं। खुफिया विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है। जिला स्तर पर सुरक्षा समिति 15 दिन के लिए सुरक्षा दे सकती है।

जागरण संवाददाता, रामपुर। सपा नेता मोहम्मद आजम खां को मिल रही वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था संकट में आ गई है। शासन ने सजा सुनाए जाने से पूर्व उन्हें इस श्रेणी की सुरक्षा दी थी। मगर, दो जन्म प्रमाण पत्र प्रकरण में इन्हें सजा होने के बाद सुरक्षाकर्मी हट गए थे। अब हाई कोर्ट से जमानत पर रिहा होने के बाद पहले से लागू व्यवस्था के तहत इन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कर दी गई है। सजायाफ्ता होने की स्थिति में इनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शासन स्तर पर नए सिरे से मंथन शुरू हो गया है। इसे लेकर जिला स्तर पर भी पुलिस प्रशासन सतर्क हो गई है। खुफिया विभाग से भी रिपोर्ट मांगी गई है।
सपा नेता मोहम्मद आजम खां 10 बार विधायक और एक बार सांसद चुने जा चुके हैं। वह चार बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं। भाजपा सरकार बनने के बाद भी शासन से उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था प्रदान की गई थी। हालांकि जब ये व्यवस्था लागू की गई थी, तब आजम खां के खिलाफ कोर्ट ने सजा नहीं सुनाई थी। 18 अक्टूबर 2023 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के दो-दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने और उनका अनुचित प्रयोग करने के मामले में आजम खां, पत्नी तजीन फात्मा और बेटे अब्दुला आजम को सात-सात साल की सजा सुनाई थी। तीनों को जेल भेज दिया गया था।
इसके साथ ही उनके सुरक्षाकर्मी पुलिस लाइन चले गए थे। अब हाई कोर्ट से जमानत पर रिहा होने के बाद आजम खां की वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था को पूर्ववत बहाल कर दिया गया। सूत्रों की मानें, तो शासन अब नए सिरे से इस पर मंथन कर रहा है कि सजायाफ्ता आजम खां को वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था देना उचित है या नहीं। इस संबंध में खुफिया विभाग से भी रिपोर्ट मांगी गई है। आजम खां को प्रदान की गई वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था पर संकट आ सकता है।
जिला स्तर पर महज 15 दिन दी जा सकती सुरक्षा
एसपी विद्या सागर मिश्र ने बताया कि जिला स्तर पर किसी व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने के संबंध में निर्णय लेने के लिए सुरक्षा समिति गठित है। उसकी संस्तुति पर किसी व्यक्ति को एक बार में 15 दिन सुरक्षा प्रदान की जा सकती है। इसे 15 दिन आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके बाद भी अगर सुरक्षा की जरूरत होती है तो उसका फैसला मंडल स्तर पर गठित कमेटी करती है। मंडल स्तर पर किसी को तीन महीने तक सुरक्षा प्रदान की जा सकती है। इसके बाद सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने का फैसला शासन स्तर से होता है।
यह होती है वाई श्रेणी की सुरक्षा
वाई श्रेणी की सुरक्षा एक मध्यम-स्तर की सुरक्षा व्यवस्था है, जिसमें आमतौर पर आठ से 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। इसमें कमांडो और पुलिस अधिकारी शामिल हो सकते हैं। यह सुरक्षा उन व्यक्तियों को दी जाती है जिन्हें मध्यम स्तर का खतरा माना जाता है। इसमें बुलेटपूफ्र वाहन व निजी सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।
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