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    डूंगरपुर मामले में जमानत के बाद भी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे आजम खां, इस मामले में जमानत होना है बाकी

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 10:21 PM (IST)

    Azam Khan आजम खान को डूंगरपुर मामले में जमानत मिलने के बावजूद उन्हें क्वालिटी बार मामले में जमानत करानी होगी। राजस्व निरीक्षक ने आरोप लगाया था कि आजम खान ने मंत्री रहते हुए जिला सहकारी संघ की जमीन पर बने क्वालिटी बार की जगह अपनी पत्नी के नाम कर दी थी।

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    डूंगरपुर मामले में जमानत के बाद भी बाहर नहीं आ सकेंगे आजम।- फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, रामपुर। करीब दो साल से जेल में बंद आजम खां की हाई कोर्ट से डूंगरपुर मामले में जमानत भले हो गई है, लेकिन अब भी वह जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। उन्हें अभी क्वालिटी बार की जगह कब्जाने के एक मामले में जमानत करानी बाकी है। इसमें भी हाई कोर्ट से जमानत होनी है।

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    क्वालिटी बार का मामला सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र का है। 21 नवंबर 2019 को तत्कालीन राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह ने सिविल लाइंस कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि आजम खां ने मंत्री पद पर रहते हुए जिला सहकारी संघ की जमीन पर बने क्वालिटी बार की 302 वर्ग मीटर जगह को अपनी पत्नी को 1200 रुपये प्रति माह किराया पर नाम कर दी थी। बाद में इसमें आजम खां के बेटे को भी सह किरायेदार के रूप में दर्शा दिया गया था। उस समय जिला सहकारी संघ के चेयरमैन जफर अली जाफरी थे। उनकी अध्यक्षता में हुई बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया था।

    पुलिस ने चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी, आजम खां की पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा व बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला को नामजद किया था। मुकदमे की जांच कर तीनों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से इस मुकदमे की अग्रिम विवेचना करने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था।

    न्यायालय के आदेश पर निरीक्षक गजेंद्र पाल त्यागी (अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं) ने मुकदमे की विवेचना की। उन्होंने अपनी विवेचना में आजम खां को भी धोखाधड़ी, साक्ष्य नष्ट करने और आपराधिक षड्यंत्र रचने का दोषी माना था और अग्रिम विवेचना पूरी कर आजम खां के खिलाफ भी आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था। इस मामले में आजम खां की पत्नी और बेटे की जमानत अर्जी एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) से मंजूर हो चुकी है। हालांकि, आजम खां की जमानत अर्जी खारिज हो गई थी। मजिस्ट्रेट ट्रायल से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने सेशन ट्रायल में जमानत की अर्जी लगाई थी। वहां से भी 17 मई 2025 को जमानत अर्जी खारिज हो गई थी। इसके बाद आजम खां हाईकोर्ट चले गए थे।

    जल्दी जेल से बाहर आएंगे आजम

    आजम खां के अधिवक्ता नासिर सुल्तान का कहना है कि आजम खां के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। सभी मामलों में जमानत हो चुकी है। क्वालिटी बार प्रकरण में भी हाई कोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। फैसला आना बाकी है। हाई कोर्ट से जमानत अर्जी मंजूर होने पर आजम खां जेल से बाहर आ जाएंगे।

    तजीन फात्मा सात माह तो अब्दुल्ला 17 माह तक जेल में रहे

    आजम खां पर वर्ष 2019 में ताबड़तोड़ 84 मुकदमे दर्ज हुए थे। उनकी पत्नी पूर्व सांसद डॉ. तजीन फात्मा पर 34 मुकदमे और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला पर 42 मुकदमे दर्ज हुए थे। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने 18 अक्टूबर 2023 को आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे को सात-सात साल कारावास की सजा सुनाई थी। यह सजा अब्दुल्ला के अलग-अलग जन्मतिथि से दो जन्म प्रमाण पत्र बनाने पर हुई थी।

    सजा सुनाए जाने के बाद पहले तीनों को रामपुर जेल में बंद किया गया था, लेकिन बाद में आजम खां को सीतापुर और अब्दुल्ला को हरदोई की जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। सजा के खिलाफ तीनों ने हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी, जो मंजूर हो गई थी। पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा और पूर्व विधायक अब्दुल्ला जमानत पर जेल से बाहर आ गए थे। तजीन फात्मा सात माह 11 दिन जेल में रहीं। जमानत के बाद वह 29 मई 2024 को जेल से बाहर आ गई थीं, जबकि अब्दुल्ला जमानत मिलने के बाद 26 फरवरी 2025 को हरदोई जेल से रिहा हुए थे।

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