OTP चेक करने के बहाने फल विक्रेता का बदल लिया सिम, फिर Paytm बॉक्स सही करने के नाम पर ठगे 11.66 लाख
रामपुर में एक फल विक्रेता को ओटीपी जांचने के बहाने सिम बदलकर और पेटीएम बॉक्स ठीक करने के नाम पर 11.66 लाख रुपये की ठगी हुई। साइबर अपराधियों ने पहले सिम बदला और फिर पेटीएम बॉक्स ठीक करने के बहाने पैसे ठग लिए। पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। यह घटना साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को दर्शाती है।

फल विक्रेता का Paytm बॉक्स सही करने के नाम पर 11.66 लाख ठगे।
जागरण संवाददाता, रामपुर। साइबर अपराधी ठगी के नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं। उनके शिकार ज्यादातर वे लोग बनते हैं, जो इसे लेकर जागरूक नहीं हैं। ऐसा ही मामला साइबर क्राइम थाने में दर्ज हुआ है, जिसमें साइबर अपराधी ने फल विक्रेता का पे-टीएम बाक्स सही करने के नाम पर उसकी सिम बदल ली और बैंक खाते से संबंधित जानकारी ले ली। इसके बाद यूपीआइ के माध्यम से उसके बैंक खाते से 11.66 लाख रुपये साफ कर दिए।
साइबर ठगी का शिकार बने राम सिंह सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र में अहमदनगर जागीर गांव में रहते हैं। वह पनवड़िया चौकी के पास ठेला लगाकर फल बेचते हैं। ठेले पर उन्होंने पे-टीएम बॉक्स भी रखा है। ग्राहक उन्हें इसके जरिए फल खरीदकर पेमेंट करते हैं। 29 जुलाई 2025 को एक अज्ञात व्यक्ति उनके पास आया। उसने कहा कि वह पे-टीएम बॉक्स सही करता है।
फल विक्रेता उसकी बातों में आ गए और बताया कि उनके बॉक्स में आवाज नहीं आती है। इसके बाद वह बाक्स सही करने लगा। इस बहाने से उसने बॉक्स से उनकी सिम निकाल ली और भारतीय स्टेट बैंक के उनके खाते की सभी जानकारी भी ले ली। फल विक्रेता के मोबाइल में ओटीपी चेक करने के बहाने मोबाइल का सिम बदल लिया।
फल विक्रेता का कहना है कि वह मोबाइल चलाना कम जानते हैं, जिसके कारण उन्हें सिम बदले जाने का पता नहीं चला। कुछ दिन तक जब मोबाइल में फोन और मैसेज नहीं आए तो भी उन्हें यही लगा कि सिम में खराबी है। उन्होंने उसी नंबर की दूसरी सिम निकलवा ली। ठगी का पता उन्हें चार नवंबर को हुआ।
उन्हें अपनी बेटी की शादी के लिए सामान खरीदना था, जिसके लिए वह पैसे निकालने बैंक गए। वहां पता चला कि उनके खाते में वर्तमान में 59 हजार रुपये ही हैं, जबकि उनका कहना है कि ठगी की घटना से एक दिन पहले तक खाते में 11.50 लाख रुपये थे और इसके बाद भी मेरे द्वारा इसी खाते में ग्राहकों से पे-टीएम के माध्यम से पेमेंट लेने के कारण रकम और बढ़ गई होगी।
उन्होंने बैंक से स्टेटमेंट निकलवाया तो पता चला कि 29 जुलाई से 26 अक्टूबर तक यूपीआइ के माध्यम से उनके बैंक खाते से 11.66 लाख रुपये निकाले गए हैं, जबकि वह मोबाइल में यूपीआइ भी नहीं चलाते हैं।
तब उन्हें अहसास हुआ कि पे-टीएम बॉक्स करने आया व्यक्ति साइबर अपराधी था, जिसने उनका बैंक खाता खाली कर दिया है। तब उन्होंने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। साइबर क्राइम थाना प्रभारी आशाराम ने बताया कि शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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