UP Land Registry: जमीनों की रजिस्ट्री को लेकर आया जरूरी अपडेट, इतने दिन तक पूरे यूपी में ठप रहेगा काम
रामपुर में जमीन या मकान की रजिस्ट्री 8 नवंबर के बाद चार दिनों तक नहीं हो पाएगी, क्योंकि स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग सर्वर का स्थानांतरण कर रहा है। मेघराज क्लाउड सर्वर में समस्या आने के कारण इसे नेशनल क्लाउड सर्वर से जोड़ा जा रहा है। इस दौरान प्रदेश के सभी सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में रजिस्ट्री कार्य बंद रहेगा। एआइजी स्टाम्प रामेंद्र श्रीवास्तव ने लोगों से 8 नवंबर से पहले या 12 नवंबर के बाद रजिस्ट्री कराने की अपील की है।

जागरण संवाददाता, रामपुर। यदि आप जमीन या मकान की रजिस्ट्री कराने की सोच रहे हैं तो शुक्रवार को करा लें। इसके बाद चार दिन तक रजिस्ट्री का कार्य नहीं हो सकेगा। 12 नवंबर के बाद ही रजिस्ट्री हो सकेगी।
स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा सर्वर का स्थानांतरण दूसरे सर्वर से किया जा रहा है। अभी तक विभाग के मेघराज क्लाउड सर्वर का प्रयोग किया जा रहा था। इसमें काफी समस्या आ रही थी। सर्वर बार-बार ठप पड़ने से आम लोगों, अधिवक्ताओं और दस्तावेज लेखकों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही थी।
अब विभाग द्वारा पुराने सर्वर को नेशनल क्लाउड सर्वर से जोड़ा जा रहा है। यह तकनीकी प्रक्रिया प्रदेश भर में लागू की जा रही है, ताकि भविष्य में रजिस्ट्री की आनलाइन प्रणाली और अधिक स्थायी एवं सुरक्षित बन सके।
इस कारण चार दिनों तक प्रदेश के सभी जिले के सभी सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में रजिस्ट्री, दस्तावेज पंजीकरण और अन्य अभिलेख संबंधी कार्य पूरी तरह से बंद रहेगा। इसके चलते लोग रजिस्ट्री आदि कार्य नहीं करा सकेंगे। हालांकि इन चार दिनों में नौ को माह का द्वितीय शनिवार और 10 को रविवार का अवकाश पड़ रहा है। ऐसे में दो दिन ही लोगों को दिक्कत होगी।
एआइजी स्टाम्प रामेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि आठ से 11 नवंबर तक सर्वर स्थानांतरण का कार्य किया जाना है। इस दौरान सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में कर्मचारी उपस्थित रहेंगे, लेकिन कोई पंजीकरण कार्य नहीं होगा। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद सर्वर सिस्टम पहले से बेहतर काम करेगा और आनलाइन रजिस्ट्री की गति भी बढ़ेगी।
लोगों से अपील की है कि जो भी व्यक्ति अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री कराने की योजना बना रहे हैं, वे इसे या तो आठ नवंबर से पहले करा लें या फिर 12 नवंबर के बाद की तारीख तय करें। इस संबंध में अधिवक्ताओं, दस्तावेज लेखकों और आम नागरिकों को पहले से अवगत करा दिया है, ताकि उन्हें किसी तरह की असुविधा न हो।

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