भांजे ने संपत्ति के लिए मामा को मार डाला, मॉर्निंग वॉक के समय रिटायर्ड लैब टेक्नीशियन को मारी गोली
रामपुर में रुपये के विवाद में एक सेवानिवृत्त असिस्टेंट लैब टेक्नीशियन की उनके भांजे ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने पहले आत्महत्या मानकर मामला दर्ज करने में आनाकानी की, लेकिन बाद में मृतक के बेटे की शिकायत पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया। मृतक का भांजे के साथ एक करोड़ से अधिक रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद था, जिसके चलते हत्या की गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, रामपुर। शहर क्षेत्र में सोमवार सुबह डाक्टर भांजे ने रुपये के विवाद में मामा सेवानिवृत्त असिस्टेंट लैब टेक्नीशियन की गोली मारकर हत्या कर दी। हालांकि पुलिस इसे आत्महत्या मानकर दिन भर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के मंडल अध्यक्ष मृतक के बेटे की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी करती रही।
मोर्चा के जिलाध्यक्ष वसीम खां व अन्य पदाधिकारी थाने पहुंचे तो पुलिस ने हत्या की धारा में मृतक के भांजे अब्दुल सलाम समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
शहर के मुहल्ला बजरिया मुल्ला जरीफ निवासी 65 वर्षीय अब्दुल रहीम खां स्वास्थ्य विभाग से असिस्टेंट लैब टेक्नीशियन के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह सोमवार सुबह छह बजे घर से टहलने निकले थे। उनका अपने रिश्तेदारों से रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था।
इसके चलते वह अपने साथ हमेशा लाइसेंसी रिवाल्वर रखते थे। स्वजन ने पुलिस को बताया कि किला परिसर में एलआइयू कार्यालय के पास वाले गेट पर कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया और उनके ही रिवाल्वर से गर्दन पर गोली मार दी। इससे वह लहूलुहान होकर गिर गए और उनकी मौत हो गई।
हमलावर वहां से भाग गए। हमलावरों ने वह स्थान जानबूझकर चुना, क्योंकि वहां सीसीटीवी कैमरा नहीं था। वहां से गुजरने वालों ने उन्हें गंभीर हालत में देखा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचाया। लोगों ने उनके घर जाकर बेटे शाह फैसल रहीम को घटना के संबंध में जानकारी दी।
बेटे ने बताया कि पिता टहलने के बाद आठ बजे तक नाश्ता लेकर घर आ जाते थे। जब वह आठ बजे तक नहीं आए तो उन्हें तलाश करने भी गया था। उसने पिता की हत्या का आरोप लगाया। पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि उनके पिता का अपने भांजे अब्दुल सलाम निवासी मुहल्ला कुंडा से 1.08 करोड़ रुपये के लेनदेन को लेकर साल भर से विवाद चल रहा था।
पहले दोनों साझे में आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं का कारोबार करते थे। बाद में साझेदारी खत्म हो गई। पिता के हिस्से के एक करोड़ आठ हजार रुपये अब्दुल सलाम पर बकाया हैं। वह इन रुपये को नहीं दे रहा था। इसे लेकर कई बार पंचायत हुई।
पुलिस में भी शिकायत की गई, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। अब्दुल सलाम ने ही अपने साढ़ू जुबैर निवासी मुहल्ला मजार बगदादी साहब और साले रिजवान निवासी मुहल्ला थाना टीन के साथ मिलकर हत्या की है। उधर, पुलिस इस मामले को आत्महत्या मानती रही।
अपर पुलिस अधीक्षक अनुराग सिंह ने बताया कि अब्दुल रहीम खां को गोली उनके ही 32 बोर के रिवाल्वर से लगी है, जिसका उनके नाम पर लाइसेंस है। उनके द्वारा तनाव में आकर आत्महत्या करना प्रतीत हो रहा है। उनके पास से एक कागज भी मिला है, जिसमें उन्होंने अपने तनाव की बातें लिखी हैं।
रुपये को लेकर चल रहे विवाद की बात भी लिखी है। हालांकि उसमें इन कारणों से आत्महत्या करने की बात नहीं लिखी है। अब्दुल रहीम के बेटे की ओर से भांजे अब्दुल सलाम, जुबैर, रिजवान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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