टायर पिघलाकर आयल बनाने वाली फैक्ट्री में फटा बायलर...भगदड़ के बीच दो मजदूरों की मौत व कई झुलसे
Saharanpur News : सहारनपुर के शेखपुरा कदीम गांव में टायर पिघलाने वाली फैक्ट्री में बॉयलर फटने से भीषण आग लग गई। इस हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। फैक्ट्री में भगदड़ मच गई थी। फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

शेखपुरा कदीम स्थित टायर गलाने की फैक्ट्री में पड़े टायर। जागरण
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। शेखपुरा कदीम गांव में रविवार शाम टायर पिघलाकर आयल बनाने वाली फैक्ट्री में बायलर फटने से भीषण आग लग गई। फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों में भगदड़ मच गई। आग की लपटों में घिरे दो मजदूरों की मौत हो गई।
फैक्ट्री मालिक और तीन मजदूर झुलस गए। चारों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। इस फैक्ट्री का उद्घाटन आठ दिन पहले ही हुआ था। शेखपुरा कदीम गांव स्थित खेत में बी एंड एन पायरो लाइसिस इंडस्ट्री है। पुलिस के अनुसार फैक्ट्री का संचालन ब्रजेश प्रजापति की देखरेख में होता है। इस फैक्ट्री में मजदूर टायर को पिघलाने के बाद आयल निकालने का काम कर रहे थे। फैक्ट्री में सात लोग मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शाम करीब पांच बजे बायलर फटने से तेज धमाका हुआ और फैक्ट्री के अंदर आग लग गई। आग की लपटें और धुएं के गुबार दूर तक दिखाई दे रहे थे। फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।

मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। दो मजदूर बुरी तरह झुलस गए। सीओ नगर प्रथम मनोज यादव ने बताया कि अस्पताल ले जाते समय शामली के मसावी गांव निवासी बिल्लू और हरिद्वार जनपद के कलियर निवासी शोएब की मौत हो गई। आग से फैक्ट्री मालिक ब्रजेश प्रजापति व मजदूर देवबंद निवासी विशाल, हरिद्वार के कलियर निवासी सुहेल और शाहजहांपुर जिले के औरंगाबाद निवासी जितेंद्र झुलस गए। चारों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसएसआइ सुनील शर्मा ने बताया कि मामले में अभी तहरीर नहीं मिली है।
धमाका होते ही कांप उठी रूह, मजदूरों की जान पर आई आफत
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। शेखपुरा कदीम गांव से करीब दो किलोमीटर दूर खेतों में नवनिर्माण फैक्ट्री में मजदूर टायर पिघलाकर आयल बनाने का कार्य किया जा रहा था। फैक्ट्री में करीब सात लोग अंदर थे। जो अपने-अपने कामकाज में लगे हुए थे। किसी को नहीं पता था कि अचानक उनकी जान पर आफत बन आएगी। अचानक बायलर फटने से तेज धमाका हुआ और मजदूरों की रूह कांप उठी। देखते ही देखते फैक्ट्री में आग की लपटें उठने लगी। दूर-दूर तक धुएं के गुब्बार उठने लगे। गांव के लोग मजदूरों को बचाने के लिए दौड़े। काफी प्रयास किया गया, लेकिन आग की लपटें काफी तेज थी।
मजदूर आग की लपटों के बीच बुरी तरह फंसे हुए थे। आग की लपटों पर काबू नहीं पाया जा सका। मजदूर आग की लपटों के बीच झुलस रहे थे। मजदूरों के चिल्लाने की आवाज गूंज रही थी। काफी देर बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने मजूदरों को रेस्क्यू किया। जिनमें पांच लोग बुरी तरह झुलस चुके थे। दो मजदूरों की अस्पताल लाते समय रास्ते में मौत हो गई। फैक्ट्री की जांच पर उठे सवाल फैक्ट्री का उद्घाटन सात दिन पहले हुआ था, लेकिन अग्निशमन और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम ने मौके पर जांच करना तक उचित नहीं समझा। फैक्ट्री में मानक पूरे है या नहीं। इसके बारे में भी अफसरों को नहीं पता। जब अफसरों से जांच के बारे में बातचीत की गई तो उनका कहना था कि फैक्ट्री कुछ दिन पहले ही चालू हुई थी। फैक्ट्री में जाकर मानकों की जांच की जानी थी। संबंधित विभाग के अधिकारियों की लापरवाही रही कि वह मानकों की जांच तक नहीं कर सकी। अधूरे मानकों के चलते फैक्ट्री को चालू कर दिया गया।

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