कालेजों में प्रवेश दिलाने का देते थे झांसा और थमा देते थे फर्जी डिग्री-मार्कशीट...यूं हुआ मामले का राजफाश
पुलिस ने फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में फर्जी डिग्री और मार्कशीट बरामद की हैं। पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और आगे की जांच जारी है।

फर्जी डिग्री व मार्कशाीट बनाने वाले आरोपितों के बारे में जानकारी देते एसपी सिटी व्योम बिंदल व एएसपी मनोज यादव। जागरण
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। पुलिस ने शिक्षा जगत में चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का मंगलवार को राजफाश किया है। सदर बाजार थाना पुलिस ने फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट तैयार करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया। आरोपितों के कब्जे से करीब 240 फर्जी डिग्री और मार्कशीट, चार लैपटाप, 10,500 रुपये, नौ मोबाइल और एक कार बरामद की है। आरोपित तीस हजार रुपये से लेकर साढ़े चार हजार रुपये में फर्जी डिग्री और मार्कशीट युवाओं को देते थे। पकड़े गए आरोपित मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के निवासी हैं।
पुलिस लाइंस सभागार में एसपी सिटी और एएसपी मनोज यादव ने प्रेसवार्ता में बताया कि गोविंदनगर निवासी अश्वनी कुमार पुत्र कंवर सिंह ने बीती 27 अक्टूबर को सदर थाने में लिखित शिकायत पत्र दिया था। शिकायतकर्ता ने बताया था कि जनता रोड स्थित खुर्द गांव निवासी रिंकू पुत्र सोमनाथ सिंह, हरपाल गांव निवासी जसबीर उर्फ काला ने अपने साथियों के मिलकर धोखाधड़ी की। 70 हजार रुपये लेकर फर्जी मार्कशीट दी थी।
मामले की जानकारी होने पर पीड़ित ने आरोपितों से रकम मांगी तो जानसे मारने की धमकी दी गई। इस मामले में सदर बाजार पुलिस ने केस दर्ज आरोपितों की धरपकड़ में जुटी थी। मंगलवार को पुलिस ने चेकिंग के दौरान रेलवे के पास कोटे की दुकान के सामने से पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपितों में मेरठ के दौराला थानाक्षेत्र निवासी अजोता गांव निवासी पर्वत कुमार पुत्र राजपाल सिंह, कंकरखेड़ा थानाक्षेत्र के रामगली नंबर-चार निवासी जसवीर सिंह उर्फ काला पुत्र जयपाल सिंह, सहारनपुर के जनकपुरी थानाक्षेत्र के खुर्द गांव निवासी रिंकू पुत्र सोमनाथ, रामपुर मनिहारान थानाक्षेत्र के गांव हरपाल निवासी जसवीर सिंह उर्फ काला और मुजफ्फरनगर के खतौली थानाक्षेत्र के चांदसमंद गांव निवासी अक्षय देव पुत्र धर्मेंद्र है। पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि सभी लोगों का एक गैंग है। गिरोह बनाकर लोगों द्वारा स्कूल, कालेजों में प्रवेश दिलाने की आड़ में फर्जी डिग्री, मार्कशीट तैयार कराकर युवाओं को देते थे। 30 हजार से साढ़े चार लाख रुपये तक लेते थे। पुलिस ने आरोपितों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा।
नागालैंड, दिल्ली और लखनऊ में गिरोह सक्रिय
फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाकर लोगों से मोटी रकम ऐंठने वाला गिरोह सक्रिय है। नागालैंड, दिल्ली, लखनऊ, मेरठ, उत्तराखंड आदि स्थानों पर गिरोह के सदस्य सक्रिय है। सदस्यों की मदद से कूटरचित डिग्री और मार्कशीट तैयार कर जरूरतमंद विद्यार्थियों को दे देते थे। मार्कशीट बनाने के लिए हाइक्वालिटी का प्रिंटर का इस्तेमाल करते थे। मार्कशीट पर कालेज के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर बनाते थे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।