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    यूपी के इस ज‍िले में गंगा एक्‍सप्रेस-वे के क‍िनारे बनेगा इंडस्ट्रियल कॉर‍िडोर, 11.41 हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 08:51 PM (IST)

    गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे प्रस्तावित औद्योगिक गलियारा को विकसित करने के लिए भूमि खरीद का कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। लगभग 95 प्रतिशत भूमि की खरीद पूरी हो चुकी है और शेष करीब पांच प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है। संभल तहसील क्षेत्र के चार गांवों की भूमि को इस परियोजना के लिए चिह्नित किया गया था, जिनमें से तीन गांवों में किसानों से समझौते होने के बावजूद बैनामा नहीं कराए जा सके। अब शेष भूखंडों के लिए जिला प्रशासन ने अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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    संवाद सहयोगी, बहजोई। गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे प्रस्तावित औद्योगिक गलियारा को विकसित करने के लिए भूमि खरीद का कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। लगभग 95 प्रतिशत भूमि की खरीद पूरी हो चुकी है और शेष करीब पांच प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है। संभल तहसील क्षेत्र के चार गांवों की भूमि को इस परियोजना के लिए चिह्नित किया गया था, जिनमें से तीन गांवों में किसानों से समझौते होने के बावजूद बैनामा नहीं कराए जा सके। अब शेष भूखंडों के लिए जिला प्रशासन ने अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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    गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित इस औद्योगिक गलियारे को विकसित करने के लिए यूपीडा (यूपी एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने कुल 239.2454 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की थी। यह भूमि चार गांवों जिसमें अमावती कुतुबपुर, खिरनी मोइनुद्दीनपुर, बसला और सारंगपुर से खरीदी जानी थी। इनमें से बसला गांव में किसानों से संपूर्ण भूमि की खरीद कर ली गई है, जबकि अन्य तीन गांवों में कुछ हिस्से की खरीद शेष है।

    परियोजना के लिए अब तक कुल 517 बैनामे कराए जा चुके हैं, जिनमें 1072 किसानों ने भाग लिया है। इनके माध्यम से 222.200 हेक्टेयर भूमि का क्रय किया गया है, जिसमें से 17.0454 हेक्टेयर सरकारी भूमि है जिसे यूपीडा को अंतरित किया गया है। किसानों से खरीदी गई 210.2508 हेक्टेयर भूमि के बदले 339.22 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जिसमें 17 करोड़ रुपये स्टांप शुल्क और 34.48 करोड़ रुपये निबंधन शुल्क के रूप में दिए गए हैं।

    इस परियोजना पर कुल 369.68 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। अब तक 94.94 प्रतिशत भूमि की खरीद किसानों से की जा चुकी है, जबकि शेष भूमि का अधिग्रहण प्रशासनिक प्रक्रिया से किया जाएगा। इसके लिए संबंधित तीनों ग्राम सभाओं से प्रस्ताव प्राप्त कर लिया गया है। प्रशासन ने बताया कि अधिग्रहण की जाने वाली भूमि में अमावती कुतुबपुर की 3.981 हेक्टेयर, खिरनी मोइनुद्दीनपुर की 5.5308 हेक्टेयर और सारंगपुर की 1.903 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इस प्रकार तीनों गांवों में कुल 11.4148 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।



    गंगा एक्सप्रेसवे के औद्योगिक गलियारे के लिए भूमि क्रय लगभग 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है। तीन गांवों की शेष भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में है, हमारा लक्ष्य है कि पूरी भूमि उपलब्ध होते ही औद्योगिक गलियारे का विकास कार्य प्रारंभ किया जाए ताकि संभल जिले को औद्योगिक रूप से नई पहचान मिल सके।- प्रदीप वर्मा, एडीएम, संभल।