Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष की पूर्णिमा पर गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, पुलिस तैनात
Pitru Paksha 2025 राजघाट हरिबाबा बांध ईशमपुर समेत विभिन्न घाटों पर सुबह से ही भीड़ उमड़ी। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस तैनात रही। महंत मोनी बाबा के अनुसार पूर्णिमा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।

जागरण संवददाता, संभल। पितृ पक्ष की पूर्णिमा पर क्षेत्र के घाट राजघाट, हरिबाबा बांध, साधु मणि, ईशमपुर और सिसौना घाट पर पूर्णिमा के दिन लाखों की तादाद में श्रद्धालु स्नान करने पहुंच रहे हैं। सुबह चार बजे से ही गंगा घाटों पर स्नान करने वालों की भीड़ लगनी शुरू हो गई। पुलिस प्रशासन समेत तैनात सुरक्षाकर्मी बड़े और छोटे वाहनों के लिए अलग-अलग रूट बनाकर व्यवस्था बनाए रखने में जुटे हैं।
गंगा घाट से पहले वाहनों पर पाबंदी
गंगा घाट राजघाट से दो किलोमीटर पहले ही बड़े वाहनों पर पाबंदी लगा दी गई, लेकिन भीड़ इतनी अधिक है कि गंगा घाट राजघाट के किनारे बसे मीरमपुर गांव की तरफ से कच्चे रास्ते से वाहन निकलने लगे। वहीं पैदल यात्रियों की लंबी लाइनें लगी रहीं।
पूर्णिमा पर गंगा में पितरों के प्रति श्रद्धा भाव से लगाई जा रही आस्था की डुबकी
गंगा घाट राजघाट पर मौजूद महंत मोनी बाबा ने बताया कि इस बार हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने पहुंच रहे हैं और उम्मीद है कि यह संख्या लाखों में पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि पूर्णिमा का दिन सनातन धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है, क्योंकि इस समय श्राद्ध पक्ष चल रहा है। पितरों के प्रति श्रद्धा भाव हमारे भीतर गहराई से समाया हुआ है।
इस दिन अपने पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान और पूजा-अर्चना जैसे कार्य करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही जो लोग यह कर्म करते हैं, उन्हें पितृ ऋण से मुक्ति भी प्राप्त होती है। सुरक्षा की दृष्टि से बबराला और राजघाट के बीच पहुंची पीएसी की गाड़ी भी जाम में फंसी रही। करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जाम से निजात दिलाई गई।
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