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    संभल में जब हिंदू घटे तो तुर्क और कन्वर्टेड हिंदुओं में बढ़ा था संघर्ष, पठानों को बताने लगे थे अपना गुलाम

    Updated: Fri, 29 Aug 2025 01:54 PM (IST)

    संभल हिंसा की न्यायिक जाँच रिपोर्ट में अवैध मतांतरण लव-जिहाद और विदेशी हथियारों का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि हिंदू आबादी घटने के बाद तुर्क और कन्वर्टेड हिंदू पठान के बीच संघर्ष बढ़ गया। दंगों के पीछे बड़ी साजिश थी और हर घटना को हिंदू-मुस्लिम संघर्ष के रूप में दिखाया गया।

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    हिंदुओं की आबादी घटने के बाद तुर्क-पठानों में बढ़ा संघर्ष

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। संभल हिंसा की न्यायिक जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि हिंदूओं की आबादी घटने के बाद संभल में तुर्क व कन्वर्टेड हिंदू पठान के बीच संघर्ष बढ़ गया था। दंगों व जनसांख्यिकी परिवर्तन के पीछे बड़ी साजिश भी रही। 

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    संभल में जब तक हिंदू आबादी चालीस प्रतिशत से अधिक थी, तब तक उन्हें हिंसा, अवैध मतांतरण व लव-जिहाद का शिकार बनाया गया। हर घटना को हिंदू-मुस्लिम के बीच संघर्ष के रूप में प्रस्तुत किया जाता रहा। 

    हिंदुओं की आबादी घटने के बाद समीकरण बदल गए और तुर्क-पठान आमने-सामने आ गए। तुर्क मुसलमान खुद को संभल का मालिक मान पठानों को अपना गुलाम बताने लगे।

    रिपोर्ट में हरिहर मंदिर में बाबर काल के साक्ष्य मिलने का भी तथ्य है। संभल में हुई हिंसा के दौरान बाबर का जिन्न एक बार फिर निकाला गया, लेकिन इस बार राज्य सरकार की सख्ती व पुलिस की मुस्तैदी से हिंदू आबादी वाले क्षेत्रों में हिंसा की योजना नाकाम रही। 

    संभल में हिंसा के लिए उपद्रवियों को बाहर से भी बुलाया गया था। पुलिस की मुस्तैदी से इस बार दंगा फैल नहीं सका। संभल में पहली बार ऐसा हुआ कि पुलिस की तत्परता से हिंदू आबादी सुरक्षित रही। 

    इसके अलावा हिंसा में कुख्यात शारिक साठा से जुड़े तथ्य भी सामने आए। शारिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के साथ मिलकर जाली नोटों का कारोबार करता था और हिंसा में उसकी सक्रिय भूमिका थी। 

    पुलिस ने जो हथियार बरामद किए, उनमें कई विदेशी हथियार (मेड इन यूएसए) भी थे। यह हिंसा में स्थानीय राजनीति के अलावा अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की ओर भी इशारा करता है।

    सुनियोजित साजिश में राजनीतिज्ञों की भूमिका

    हिंसा की साजिश में राजनीतिज्ञों की भूमिका भी सामने आई है। सूत्रों का कहना है कि सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल व जामा मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी ने मिलकर पूर्वनियोजित साजिश रची थी। योजनाबद्ध ढंग से नमाजियों को भड़काने व उपद्रवियों को बुलाने के अलावा विदेशी हथियारों का प्रयोग हुआ था।

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