शाहजहांपुर में तेजाब पीड़िता को 28 साल बाद मिला मुआवजा, 5 लाख आर्थिक मदद देने का आदेश
शाहजहांपुर में एक तेजाब पीड़िता को 28 साल बाद मुआवजा मिला। 1997 में हुए हमले में पीड़िता का चेहरा बिगड़ गया था और एक आंख खराब हो गई थी। सामाजिक संगठन की मदद से सरकार ने उसे पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है। पीड़िता अब सम्मान से जीना चाहती है।
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जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। चेहरा बिगड़ा। एक आंख खराब हुई और दूसरी की रोशनी कम हो गई। इस दर्द को जिंदगी का हिस्सा बना चुकी युवती के जख्मों पर 28 वर्ष बाद मुआवजे का मरहम लग सका। घटना के समय मुआवजे का प्रविधान नहीं था।
पिछले वर्ष सामाजिक संगठन की पहल पर उनका चिकित्सकीय परीक्षण हुआ। उसके आधार पर सरकार ने पांच लाख की आर्थिक सहायता दी। शनिवार को वह बोलीं, 28 वर्षों में बहुत खराब दिन देखे हैं। अब सम्मान से जीना चाहती हूं। वर्ष 1997 में पीड़ित की उम्र 15 वर्ष थी। शहर निवासी पप्पू शादी का दबाव बनाता था।
इन्कार करने पर पप्पू ने 28 अक्टूबर 1997 को तेजाब से हमला कर दिया। पीड़ित के उपचार में पिता ने जमा-पूंजी खर्च कर दी और संपत्ति बेचनी पड़ी। हमले में एक आंख खराब हो गई, दूसरी की रोशनी कम हो गई। चेहरा बिगड़ गया था। कुछ समय बाद माता-पिता की मृत्यु हो गई और भाइयों ने भी किनारा कर लिया। पीड़ित अकेले ही केस की पैरवी करती रहीं।
तेजाब पीड़ितों के लिए काम करने वाली संस्था ब्रेव सोल्स फाउंडेशन ने पिछले वर्ष उन्हें मुआवजा दिलाने के प्रयास शुरू किए। जिला प्रोबेशन अधिकारी गौरव मिश्र ने बताया कि उसी साल आरोपित को धारा 325 ए (तेजाब से हमला) के अंतर्गत जेल भेजा गया। पिछले वर्ष स्वयंसेवी संस्था ने आवेदन कराया। दो महीने पहले पीड़ित के बैंक खाते में पांच लाख मुआवजा राशि भेजी जा चुकी है।

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