किसान ध्यान दें... पराली जलाई तो नहीं बेच सकेंगे सरकारी केंद्र पर धान, न मिलेगा सरकार की योजनाओं का लाभ
शाहजहांपुर में पराली जलाने वाले किसानों पर जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। ऐसे किसानों से सरकारी खरीद नहीं की जाएगी उनकी गन्ना पर्ची रद्द होगी और सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित किया जाएगा। बिना एसएमएस वाली कंबाइन मशीनें जब्त की जाएंगी। पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए गांववार निगरानी रखी जाएगी और जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। वायु प्रदूषण का बड़ा कारण कारखानों व वाहनों से निकलने वाला धुआं है, लेकिन पराली व अनय फसल अपशिष्ट जलाने से भी यह बढ़ता है। इस पर अंकुश लगाने के लिए तमाम अभियान चलाए गए। सख्ती की गई, पर पूरी तरह से रोकथाम नहीं हो पा रही। जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने इस बार पराली जलाने वाले किसानों से सरकारी खरीद न करने का निर्णय लिया है। संबंधित की गन्ना पर्ची निरस्त करने के साथ ही सरकार की ओर से मिल रहे योजनाओं के लाभ भी रोक दिए जाएंगे।
गन्ना पर्ची भी होगी निरस्त, सरकारी योजनाओं के लाभ से किया जाएगा वंचित
जिले में धान की खेती बड़े स्तर पर होती है। इसमें भी पुवायां तहसील क्षेत्र धान की पैदावार में सबसे आगे है। यहां पर कई किसान सितंबर के दूसरे सप्ताह से ही धान की कटाई भी शुरू कर देते हैं। ऐसे में खेत खाली करने के लिए पराली निस्तारण के लिए कोई अन्य उपाय अपनाने की बजाय उसे जला देते हैं। जिस कारण इसका धुआं तो प्रदूषण तो बढ़ाता ही है।
बिना एमएमएस वाली कंबाइन होंगी जब्त, डीएम ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
कई बार पड़ोस के खेतों में खड़ी फसलों को भी आग अपनी चपेट में ले लेती है। इस तरह के प्रकरण अक्टूबर से लेकर नवंबर में सबसे अधिक सामने आते हैं। सर्दियों का मौसम होने के कारण धुएं के कण वायुमंडल में नीचे रह जाते हैं, जिस कारण धुंध सी छा जाती है। इस पर अंकुश लगाने के लिए एनजीटी व शासन ने सेटेलाइट के माध्यम से निगरानी भी शुरू कराई, लेकिन शाहजहांपुर सहित कई अन्य जनपदों में पराली जलाने के मामले नहीं थमे। लगातार दाे वर्षाें में इनकी संख्या बढ़ने पर डीएम ने इस बार और भी ज्यादा सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।
कंबाइन में एसएमएस भी जरूरी
जो किसान पराली जलाएंगे उनके गन्ने की पर्ची सट्टे निरस्त की जाएगी। धान बेचने के लिए किए गए पंजीकरण का सत्यापन नहीं होगा, जिससे वह अपना धान सरकारी केंद्र पर नहीं बेच सकेंगे। इनकी गन्ना पर्ची भी निरस्त होगी। ऐसे किसानों को समस्त सरकारी योजनाओं से वंचित किया जाएगा। बिना एसएमएस (सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम) वाली कंबाइन मशीनें भी जब्त कर ली जाएंगी।
रात में चौपाल, गांववार निगरानी
पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए गांववार ड्यूटी लगाई जाएगी। रात में चौपालें लगाकर किसानों को पराली जलाने के दुष्परिणाम व जुर्माने की जानकारी दी जाएगी डीएम ने अधिकारियों से पराली को गोशालाओं में पहुंचवाने के लिए कहा है। सभी एसडीएम, तहसीलदार व थाना प्रभारी की जिम्मेदारी होगी कंबाइन बिना एसएमएस के संचालित न हो।
वर्ष - - पराली जली
- 2022
-- -- 419 - 2023
-- -- 132 - 2024
-- -- 163
पराली जलाने की सेटेलाइट से भी निगरानी हो रही है। पुवायां व सदर तहसील में इसके प्रकरण ज्यादा सामने आते हैं। इसलिए अब सख्ती की गई है। किसानों को खरीफ की फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूक किया जाएगा। ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे। धर्मेंद्र प्रताप सिंह, डीएम
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