शाहजहांपुर में नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ में प्रधानाध्यापक को चार साल की सश्रम सजा, अपर जिला जज ने सुनाया फैसला
शाहजहांपुर में साढ़े सात साल पहले एक नाबालिग छात्रा के साथ स्कूल परिसर में छेड़छाड़ के मामले में प्रधानाध्यापक महेंद्र सिंह को पॉक्सो कोर्ट ने चार साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर 24 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। पीड़िता अनुसूचित जाति की है। घटना 19 मार्च 2018 को हुई थी जब प्रधानाध्यापक ने छात्रा को अपने कक्ष में बुलाकर छेड़छाड़ की थी।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। शिक्षा के मंदिर में ज्ञान प्राप्त करने आई एक नाबालिग छात्रा से करीब साढ़े सात साल पहले एक प्रधानाध्यापक ने स्कूल परिसर में ही छेड़छाड़ कर दी थी। इस मामले में सोमवार को अपर जिला जज पॉक्सो कोर्ट शिवकुमार तृतीय ने आरोपित को चार वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 24 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
अनुसूचित जाति की महिला ने बताया कि उनकी 15 वर्षीय बेटी 19 मार्च 2018 को अपनी बहन के साथ विद्यालय पढ़ने गई थी। प्यास लगने पर वह कक्ष से बाहर पानी पीने गई। वापस आते समय प्रधानाध्यापक महेंद्र सिंह ने आवाज देकर अपने कक्ष में बुला लिया। जब वह उनके पास गई तो प्रधानाध्यापक ने बेटी का हाथ पकड़कर खींच लिया और उससे छेड़छाड़ करने लगे।
शोर मचाने पर महेंद्र ने बेटी को छोड़ दिया। घर आकर बेटी ने जब घटनाक्रम बताया तो वह अपनी बहू के साथ विद्यालय पहुंचीं, प्रधानाध्यापक उनलोगों से झगड़े पर उतारू हो गया और सभी को डंडे से पीटा। इस बीच पुलिस आ गई और महेंद्र को पकड़ लिया। उसके विरुद्ध पाक्सो, छेड़छाड़ सहित विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई। शासकीय अधिवक्ता दीप कुमार गुप्ता के तर्कों से सहमति जताते हुए अपर जिला जज ने दोषी को पाक्सो सहित छेड़छाड़ व अनुसूचित जाति की धाराओं में दोषी पाते हुए चार वर्ष का सश्रम कारावास सुनाया।
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