बड़ी बहन संग दुष्कर्म होता देख छोटी ने मचाया शोर तो वहशी चाचा ने कर डाली थी हत्या, कोर्ट ने दी फांसी की सजा
पांच साल की मासूम बच्ची की नृशंस हत्या के मामले में अपर जिला जज मनोज कुमार सिद्दू ने दोषी अनिल को फांसी की सजा सुनाई। बच्ची और उसकी सात साल की बहन उसे "शहद वाले चाचा" कहकर जानती थीं। शहद का लालच देकर अनिल ने बड़ी बहन के साथ दुष्कर्म किया; छोटी बहन ने शोर मचाया तो उसकी हत्या कर दी। चार साल पुरानी घटना की सुनवाई पूरी कर शुक्रवार को मरते दम तक फंदे पर लटकाने का आदेश दिया।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। गुलाब की एक कली खिलने से पहले कुचल दी गई, एक पतंग उड़ने से पहले ही टूट गई। खिले हुए फूल को कुचलकर राख कर दिया और पतंग आत्मा को ले गई। पांच वर्ष की मासूम की नृशंस हत्या में दोषी को फांसी की सजा सुनाते समय अपर जिला जज मनोज कुमार सिद्दू ने यह भावुक टिप्पणी की, जिस अनिल को बच्ची व उसकी सात वर्षीय बहन शहद वाले चाचा के रूप में जानती थीं।
उसने उनके साथ वहशीपन की हद पार कर दी। शहद खिलाने के बहाने बड़ी बहन के साथ दुष्कर्म होता देख छोटी मदद के लिए शोर मचाते हुए भागी तो उसकी हत्या कर दी। चार वर्ष पुरानी इस घटना में शुक्रवार को सुनवाई पूरी करते हुए जज ने दोषी को फांसी की सजा सुनाते हुए मरते दम तक फंदे पर लटकाने का आदेश दिया।
हैंडपंप पर गई थी नहाने
कांट के एक गांव मनिवासी व्यक्ति दो बेटियां 22 फरवरी को दोपहर बाद प्राथमिक स्कूल में लगे हैंडपंप पर नहाने गईं थीं। अजीजगंज निवासी अनिल गांव में अक्सर शहद निकालने आता था। दोनों बच्चियों को नहाता देख एक दुकान से दो बिस्किट के पैकेट लगाया और उनको दे दिए। कुछ देर बाद उन्हें शहद खिलाने का लालच देकर साइकिल से पड़ोस के गांव ले गया। सरसों के खेत में सात वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म करने लगा।
उसने चंगुल से बचने की कोशिश की, मगर आरोपित सफल नहीं हो सकी। अनिल की हरकत देखकर पीड़िता की पांच वर्षीय बहन चीखने लगी, जिस पर अनिल ने खंती (शहद निकालने वाला औजार जिसमें लकड़ी के आगे नुकीला हिस्सा होता है) से उसके चेहरे पर कई वार करके हत्या कर दी।
इस बीच सात वर्षीय बच्ची बचकर भागी तो उसने कुछ दूरी पर गन्ने के खेत में पकड़ लिया और उसके चेहरे पर भी खंती से वार किए और उसे मरा समझकर फरार हो गया। मौके पर मिली खंती के आधार पर उसे पकड़ा गया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। पुलिस ने आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया। जहां अपर जिला जज ने दोष सिद्ध होने पर सजा सुनाई।

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