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    पश्चिम उत्तर प्रदेश को आइएसआइ का गढ़ बनाने के लिए काम कर रहा कमांडर इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा

    By ABHISHEK KAUSHIKEdited By: Jagran News Network
    Updated: Mon, 10 Nov 2025 12:29 AM (IST)

    1996 में पहली बार 276 पिस्टल की खेप को दिल्ली की स्पेशल सेल ने पकड़ा था जो पाकिस्तान से आई थी।

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    पश्चिम उत्तर प्रदेश को आइएसआइ का गढ़ बनाने के लिए काम कर रहा कमांडर इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा

    -शामली, सहारनपुर और मेरठ में पकड़े जा चुके हैं आइएसआइ एजेंट

    -लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और अबू खदीजा गिरोह हो रहा सक्रिय

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    आकाश शर्मा, जागरण

    शामली: भारत देश में शरीयत कानून स्थापित करने और देश में दंगा कराने के लिए आइएसआइ कमांडर इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा पिछले कई सालों से पश्चिम उत्तर प्रदेश में आइएसआइ एजेंट तैयार कर रहे है। अभी तक शामली, सहारनपुर और मेरठ में आइएसआइ से जुड़े लोगों को एसटीएफ गिरफ्तार किया था। अब एटीएस गुजरात ने आइएसआइ से जुड़े शामली निवासी संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया है।

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    साल 1990 में मूल रूप से कैराना निवासी दिलशाद मिर्जा और इकबाल काना ने पाकिस्तान से हथियार और नकली नोटों की तस्करी का काम शुरू किया था। 1996 में पहली बार 276 पिस्टल की खेप को दिल्ली की स्पेशल सेल ने पकड़ा था, जो पाकिस्तान से आई थी। तब कैराना के इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा का नाम सामने आया था। 1996 में ही दिलशाद मिर्जा अपने साथी के साथ पाकिस्तान भाग गया था। इसके बाद वह पाकिस्तान में आइएसआइ के लिए काम करने लगा। वह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद आदि संगठन से भी जुड़ गया। वह कैराना का रहने वाला था, और उसकी यहां काफी जान-पहचान थी इसलिए आइएसआइ ने उसे भारत में एजेंट तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी। दिलशाद मिर्जा को वेस्ट यूपी के प्रत्येक जिले की जानकारी होने का भी दावा किया जाता है। साल 2008 में दिलशाद मिर्जा ने शामली के नोकुआं रोड निवासी महबूब को भारतीय नकली करेंसी के साथ भेजा था। हालांकि पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बताया जाता है कि दिलशाद मिर्जा का कैराना, कांधला और सहारनपुर में भी कई लोगों से संपर्क है। आरोपित लगातार आइएसआइ के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश में एजेंट को तैयार कर रहे है। अगस्त 2023 में शामली के नोकुआं रोड पर आइअएसआइ एजेंट कलीम को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसके भाई तहसीम उर्फ मोटा को गिरफ्तार किया गया। साल 2024 में एसटीएफ ने आइएसआइ के लिए कार्य करने वाले मेरठ निवासी सतेंद्र को गिरफ्तार किया था। दो दिन पहले सहारनपुर से आतंकी संगठन के लिए कार्य करने वाले डाक्टर आदिल को गिरफ्तार किया था। जो जैश-ए-मोम्मद के लिए कार्य कर रहा था। रविवार को आइएसआइ एजेंट संदिग्ध आतंकी झिंझाना के आजाद को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अभी तक गिरफ्तार किए गए अधिकतर आइएसआइ एजेंट इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा गिरोह के सदस्य से जुड़े है।

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    पाकिस्तान में दिलशाद मिर्जा का नाम शेख खालिद हाफिज

    आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद मूल रूप से हरियाणा के हिसार का रहने वाला है। भारत-पाक बंटवारे के दौरान वह अपने परिवार के साथ पाकिस्तान चला गया था। दिलशाद मिर्जा पाकिस्तान से तस्करी को लेकर हाफिज सईद के संपर्क में आया था। इसके बाद जब दिलशाद पाकिस्तान चला गया तो उसने अपना नाम बदलकर शेख खालिद हाफिज रख लिया था।

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    जिले में संदिग्ध गतिविधियों का इतिहास

    -वर्ष 2000 में गांव जौला से आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के कमांडर मोहम्मद वारिस को गिरफ्तार किया गया।

    -वर्ष 2005 में एसटीएफ ने शामली से पांच किलो आरडीएक्स और अत्याधुनिक असलहों के साथ जम्मू कश्मीर निवासी तीन युवकों को गिरफ्तार किया था।

    -वर्ष 2013 में कांधला के मोहल्ला शेखजादगान निवासी शहनाज, मुल्ला नसीर और अनीस को हथियार तस्करी के आरोप में अटारी बार्डर पर पकड़ा गया था।

    -वर्ष 2016 में गंगेरु निवासी इस्माइल को अटारी बार्डर पर चार पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया गया था।

    -29 अक्टूबर 2016 को दिल्ली की स्पेशल सेल ने कैराना निवासी फरहत खान को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा था।

    -मई 2018: कैराना क्षेत्र के गांव पंजीठ निवासी मुल्तान अहमद अटारी बार्डर पर पिस्टल के साथ पकड़ा गया था।