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    Shamli News : घर में बना रहे थे उर्वरक, ब्रांडेड कंपनी का रैपर लगा सीधे किसानों को किया जा रहा था सप्लाई

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 03:43 PM (IST)

    Shamli News शामली के गांव बुटराड़ा में कृषि विभाग ने एक मकान पर छापा मारा तो ब्रांडेड कंपनी के नाम पर नकली उर्वरक बनता हुआ मिला। मौके से जिंक मोनो जिंक के खाली पैकेट और बांट-कांटा जब्त किए गए। आरोपित किसानों को सीधे उर्वरक बेचते थे। कृषि विभाग ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    ब्रांडेड कंपनी के नाम पर घर में बनी उर्वरक बेचने का भंडाफोड़। जागरण

    जागरण संवाददाता, शामली। थानाभवन ब्लाक के गांव बुटराड़ा में ब्रांडेड कंपनी के नाम पर घर में बनी उर्वरक बेचने का भंडाफोड़ हुआ है। आरोपित मकान में बड़ी कंपनियों के रैपर लगाकर उर्वरक को सप्लाई करते थे। निर्माण व पैकिंग का कोई लाइसेंस न होने पर जिला कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए जिंक, मोनो जिंक खाली पैकेट और बांट-कांटा समेत विभिन्न सामग्री जब्त कर ली है। इसके साथ जब्त उर्वरकों के तीन नमूने लेते हुए आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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    कैराना में नकली खाद व पेस्टीसाइड बनाने वाली फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद अब बाबरी थाना क्षेत्र के गांव बुटराड़ा में कृषि विभाग ने कार्रवाई की है। शुक्रवार रात टीम ने ब्रांडेड कंपनियों के रैपर आदि लगाकर नकली उर्वरक बनाने और बेचने के मामले में छापा मारा। यहां से टीम को बड़ी संख्या में रैपर मिले। जिला कृषि अधिकारी प्रदीप यादव ने बताया कि उनको मकान में उर्वरक बनाने की फैक्ट्री संचालित होने की सूचना मिली थी। इसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान को सूचना दी गई।

    डीएम की अनुमति के बाद उप कृषि निदेशक प्रमोद कुमार, जिला कृषि अधिकारी प्रदीप यादव, सीओ थानाभवन जितेंद्र सिंह पुलिस बल के साथ फजल पुत्र लईक के मकान पर पहुंचे। यहां उर्वरक निर्माण एवं पैकिंग का कार्य किया जा रहा था। प्रथम दृष्टया यह निम्न गुणवत्ता का प्रतीत हो रहा था। टीम ने फजल से विनिर्माण व पैकिंग का लाइसेंस दिखाने को कहा तो उसके पास कोई लाइसेंस नहीं मिला। इसके साथ ही कोई स्टाक रजिस्टर व अभिलेख आदि भी बरामद नहीं हुआ। जिला कृषि विभाग की टीम ने पैकिंग के खाली बैग, उर्वरक और अन्य सामग्री को जब्त कर लिया। इसके साथ जिलाधिकारी के आदेश पर एफसीओ अधिनियम एवं ईसी तीन बटा सात के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।

    मकान से यह सामग्री की गई जब्त : टीम ने शंकर सीड्स के 150 खाली बैग, दयाल जिंक सल्फेट खाली बैग 400, जिंक साइन खाली बैग 120, बोरो जाइम खाली बैग 120, दयाल मोनो जिंक खाली बैग 200, धनजाइम खाली बैग 50, जिंक सल्फेट जैसे पदार्थ भरे बैग 50 किलोग्राम के छह बैग, मोनो जिंक 10 किलोग्राम पैकिंग छह, तराजू एक, बाट पांच किलोग्राम एक, 500 ग्राम एक, एक किलोग्राम एक, 200 ग्राम एक, 100 ग्राम एक, 50 ग्राम एक जब्त किए गए।

    सीधा किसानों को सप्लाई करते थे उर्वरक : जिला कृषि विभाग की टीम के मुताबिक, कंपनियों के बैग सीधा किसानों को ही बिक्री कर रहे थे। इसमें सहारनपुर, मुफ्फरनगर, शामली के किसानों को यह लोग बिक्री करते थे। खासतौर पर बाग के किसानों को यह उपलब्ध कराने का कार्य करते थे। टीम ने यहां से जिंक के तीन नमूने लेकर प्रयोगशाला को जांच के लिए भेजे हैं।

    प्रदीप कुमार यादव, जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि गोपनीय सूचना मिली थी कि बुटराडा में नामी कंपनियों के रैपर व पैकेटों में नकली उर्वरक भरकर बिक्री किया जा रहा है। जिलाधिकारी की अनुमित लेकर उप कृषि निदेशक के नेतृत्व में टीम ने छापेमारी की थी, जिसमें यहां से खाली व भरे बैग मिले है। तीन नमूने प्रयोगशाला भेजे हैं, वहीं आरोपित के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।

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