Nautapa 2025: नहीं तपा नौतपा तो बिगड़ सकती है खेती की सेहत, किसानों को किस बात की है चिंता
श्रावस्ती में नौतपा के दौरान बारिश होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों के अनुसार नौतपा की गर्मी कृषि के लिए लाभदायक होती है क्योंकि यह कीटों को नष्ट करती है और मानसून के लिए वाष्पीकरण बढ़ाती है। बारिश के कारण वाष्पीकरण की प्रक्रिया धीमी हो गई है जिससे कृषि उत्पादन प्रभावित हो सकता है। किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, श्रावस्ती। खरीफ फसल की खेती से पहले खेतों की गहरी जोताई के सुझाव दिए जाते हैं। ज्येष्ठ माह का नौतपा गहरी जोताई से खेत से निकले हानिकारक कीट व खरपतवार को नष्ट कर देता है। इस बार नौतपा तप नहीं पा रहा है।
सुबह-शाम हो जा रही बारिश सूर्य के ताप के प्रभाव को कम कर देता है। यह खेती-किसानी के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके लिए किसानों को सावधान रहना होगा। सूर्य देवता के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाता है। इस दौरान तेज धूप, लू और भीषण गर्मी पड़ती है।
लोक मान्यता के अनुसार नौतपा की तपन को कृषि व मानव स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। ज्येष्ठ माह में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम होने के कारण नौतपा में तापमान बढ़ने से भीषण गर्मी पड़ती है। इस बार हर दिन हो रही बदली और बरसात के कारण नौतपा तप नहीं पा रहा है।
लोक विज्ञानी भड्डरी की कहावत ''तपा नखत में जो चुइ जाय, सभी नखत फीके पड़ जाएं'' का उल्लेख करते हुए वृद्ध किसान अवधराम शुक्ला कहते हैं कि ज्येष्ठ माह के इन दिनों में बरसात होने से आगामी महीनों में बरसात हल्की हो जाती है। इससे कृषि उत्पादन प्रभावित होता है।
कृषि सलाहकार किसान सेवा केंद्र संचालक महमूद आलम नइमी कहते हैं कि नौतपा की तेज धूप कृषि के लिए लाभदायक माना जाता है। तेज धूप और गर्मी से होने वाला वाष्पीकरण मानसून में अच्छी बरसात की पृष्ठभूमि तैयार करता है।
कृषि को नुकसान पहुंचाने वाले कीट-पतंगे, चूहे, जहरीले जीव-जंतु की संख्या घट जाती है। नौतपा में बरसात होने से वाष्पीकरण की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इस वर्ष 25 मई को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं। दो जून तक नौतपा का काल माना जाता है।
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