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    शारदा-घाघरा का पानी 62 गांवों में घुसा, 50 संपर्क मार्ग डूबे; सीतापुर में बाढ़ से जीवन अस्त-व्यस्त

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 04:54 PM (IST)

    सीतापुर में शारदा-घाघरा नदी का जलस्तर घटने के बाद भी 62 गांव अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं जिससे लगभग 69 हजार लोग प्रभावित हैं। जलभराव से संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। रामपुर मथुरा रेउसा और बेहटा में भी कई गांव जलमग्न हैं जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और उन्हें मदद का इंतजार है। प्रशासन द्वारा राहत कार्य जारी हैं।

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    शारदा-घाघरा का 62 गांवों में भरा पानी, 50 संपर्क मार्ग डूबे।

    जागरण संवाददाता, सीतापुर। शारदा-घाघरा का जलस्तर कम हो रहा है, फिर भी 62 गांवों में पानी भरा है। 50 संपर्क मार्ग व एक हजार हेक्टेयर फसलें अभी डूबी हैं। इससे करीब 69 हजार की आबादी प्रभावित है। ग्रामीण मदद का इंतजार कर रहे हैं। पानी भरा होने से संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है।

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    रामपुर मथुरा : घाघरा का पानी अभी 20 संपर्क मार्गों पर भरा है। सुंदरपुरवा, लोधनपुरवा, नागेश्वरपुरवा, बचऊपुरवा, अर्जुनपुरवा, सोतीपुरवा, बलेसरपुरवा, गोमतीपुरवा, निरंजनपुरवा, प्यारेपुरवा, बाबा कुटी, अखरी आदि 20 गांव पानी से घिरे हैं। इससे करीब 17 हजार की आबादी प्रभावित है।

    लोगों का आवागमन नाव से हो रहा है। प्यारेपुरवा में पानी भरने से हरी, भजनी, शंकर, रामू, फूलचंद, बाल किशुन, सत्यवान तटबंध पर रह रहे हैं। इन लोगों ने बताया तहसील से अभी मदद नहीं मिली है।

    शुकुलपुरवा के विस्थापित 120 परिवारों को राशन किट व तिरपाल दिया गया है। तटबंध पर शरण लिए शिवानी दोपहर केे भोजन बनाने की तैयारी कर रहीं थीं। वहीं रवी झोपड़ी में बैठकर पढ़ाई कर रहा था।

    रेउसा : घाघरा का पानी 20 गांवों व 12 संपर्क मार्गों पर भरा है, खेत जलमग्न हैं। करीब 22 हजार आबादी प्रभावित है। आवागमन प्रभावित है वहीं पशुओं के लिए चारे का संकट है। जंगल टपरी-गुरगुचपुर मार्ग, संतराम पुरवा-दूलामऊ मार्ग, निर्मल पुरवा-बंशीपुरवा मार्ग, आशाराम पुरवा-निर्मल पुरवा मार्ग, नई बस्ती-सोमवारी पुरवा मार्ग, फौजदार पुरवा-दुर्गा पुरवा मार्ग पर बाढ़ का पानी बह रहा है।

    आशाराम पुरवा के सोबरन लाल, जवाहर ने बताया कि घर में पानी भरा है। तहसील प्रशासन से अभी तक सहायता नहीं मिली है। दवा वितरण के लिए कोई नहीं पहुंचा है।

    बेहटा : शारदा नदी का पानी बरेती, कुशेपा, कोरियन पुरवा, मास्टरपुरवा, मुसियाना, चंदवासोत, टिकौना, खनियांपुर, तेजवापुर, बसंतापुर, पूरन सराय, औरंगाबाद, मुगलापुर, मुरब्बा, छतांगुर आदि 22 गांवों में भरा है। 18 संपर्क मार्गों पर पानी भरा है।

    करीब तीस हजार आबादी प्रभावित है। पूरन सराय के राजेश लोधी ने बताया पानी घर में भरा है। पशुओं के लिए चारे की समस्या है। प्रकाश की पत्नी सुनीता ने बताया कि दो दिन से सब्जी नही है। बच्चे भूखे थे, केवल चावल ही बनाए। तंबौर के गांजर इंटर कालेज में बाढ़ चौकी बनी है। यहां पानी भरा है। स्वास्थ्य कर्मी सुरक्षित जगह बैठे थे।

    नदियों का जलस्तर घट रहा है। गांव व खेतों में अभी पानी भरा है। राजस्व कर्मियों को सर्वे में लगाया है। पीड़ितों की हरसंभव मदद की जाएगी।

    उमाशंकर त्रिपाठी, तहसीलदार बिसवां

    बाढ़ कटान से पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री का वितरण हो रहा है। शेष को चिह्रित कराया जा रहा है। पीड़ितों को सुरक्षित जगह बसा रहे हैं।

    अनिल कुमार, तहसीलदार महमूदाबाद

    प्रभावित गांव बेलवा, बरेती में राहत किट का वितरण किया है। रोस्टर अनुसार वितरण करवा रहे हैं। प्रभावित लोगों को चिह्रित कर मदद दी जा रही है।

    मनीष त्रिपाठी, तहसीलदार लहरपुर

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