Sitapur Nagar Palika Parishad Upchunav: एकजुटता से मिश्रिख जीती भाजपा, बगावत ने महमूदाबाद में छीनी ‘जमीन’
Sitapur Nagar Palika Parishad Upchunav सीतापुर के मिश्रिख और महमूदाबाद नगर पालिका उपचुनावों में भाजपा को विपरीत परिणाम मिले। मिश्रिख में सुनियोजित रणनीति से भाजपा प्रत्याशी जीतीं तो महमूदाबाद में गुटबाजी के चलते जमानत जब्त हो गई। मिश्रिख में विधायक रामकृष्ण भार्गव ने चुनाव को प्रतिष्ठा से जोड़ा और सफलता पाई। वहीं महमूदाबाद में बागी प्रत्याशियों ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया और सपा के आमिर अराफात अध्यक्ष चुने गए।

जागरण संवाददाता, सीतापुर। जिले के दो अलग-अलग ध्रुवों पर स्थित मिश्रिख व महमूदाबाद नगर पालिका में अध्यक्ष पद के लिए हुए उप चुनाव के परिणाम भी एक-दूसरे के विपरीत रहे। सुनियोजित रणनीति, आपसी समन्वय व एकजुटता ने मिश्रिख में भाजपा प्रत्याशी को बड़े अंतर से जीत दिलाई।
वहीं, महमूदाबाद में टिकट वितरण के बाद उपजे अंसतोष, गुटबाजी और बगावत के चलते के पार्टी प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो गई। यह भाजपा के लिए एक सबक होने के साथ ही भविष्य के लिए चुनौती भी है।
मिश्रिख से भाजपा विधायक रामकृष्ण भार्गव की बहू सीमा भार्गव प्रत्याशी थीं। विधायक ने इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर लड़ा। इसीलिए यह चुनाव की चर्चा प्रत्याशी के बजाय विधायक रामकृष्ण भार्गव और पूर्व विधायक अनूप गुप्ता के मध्य सिमट गई।
भाजपा की सीमा भार्गव को प्रमाण पत्र सौंपते एसडीएम मिश्रिख शैलेंद्र मिश्र : जागरण
विधायक ने ठोस रणनीति बनाते हुए पार्टी के पदाधिकारियों से समन्वय बनाकर एकजुटता के साथ काम किया। साथ ही आवश्यकतानुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य वरिष्ठ नेताओं का मार्गदर्शन भी लेते रहे। जातीय समीकरण को साधने में भी कोर कसर नहीं छोड़ी।
सजातीय मतों का बिखराव रोकने के साथ ही उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी, ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष गिरीश मिश्र के भी कार्यक्रम कराए।
भाजपा के अवध क्षेत्र के अध्यक्ष कमलेश मिश्र का मार्गदर्शन और जिला प्रभारी नीरज सिंह व जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ल व अन्य पदाधिकारियों की निरंतर सक्रियता से कार्यकर्ताओं भी जी-जान से जुटे। इसका परिणाम 2947 मतों के बड़े अंतर से जीत के रूप में सामने आया। सीमा को 6512 मत मिले।
बागियों ने की भाजपा के मतों में सेंधमारी
महमूदाबाद में भाजपा के लिए अपने ही चुनौती साबित हुए। यहां टिकट वितरण के बाद से कार्यकर्ताओं में असंतोष दिखने लगा था, जिसे साधने में रणनीतिकार विफल रहे। अम्बरीश गुप्ता बगावत कर चुनाव में उतर गए। पार्टी कार्यकर्ता कई गुटों में बंट गए।
सपा के आमिर अराफात को प्रमाण पत्र सौंपते एसडीएम महमूदाबाद बीके सिंह साथ में बिसवां एसडीएम शिखा शुक्ला : जागरण
पार्टी प्रत्याशी संजय वर्मा के बजाय ज्यादातर कार्यकर्ता अपने पुराने साथी अतुल वर्मा और अम्बरीश गुप्ता के साथ जुटे रहे। इन दाेनों ने शानदार प्रदर्शन भी किया। अतुल जहां 8331 मत पाकर उप विजेता रहे वहीं 4423 मतों के साथ अम्बरीश तीसरे स्थान पर रहे।
यहां पार्टी के प्रत्याशी संजय वर्मा 1352 मत पाकर पांचवें स्थान पर रहे। यहां औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा, बिसवां विधायक निर्मल वर्मा, एमएलसी अवनीश सिंह पटेल, पूर्व विधायक सुनील वर्मा के साथ ही जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ल सहित अन्य पदाधिकारियों की सक्रियता दिखी थी।
हालांकि, परिणाम निराशाजनक रहा। यहां 8906 मत पाकर सपा के आमिर अराफात अध्यक्ष चुने गए।
पहले भी बागी ने रोकी थी राह : वर्ष 2023 के आम चुनाव में भी यहां भाजपा को सपा के मोहम्मद अहमद से शिकस्त मिली थी, लेकिन तब अम्बरीश गुप्ता दूसरे पायदान पर रहे थे।
उस चुनाव में भी भाजपा को बागी से ही बड़ा नुकसान हुआ था। बगावत कर चुनाव लड़े अतुल वर्मा तीसरे स्थान पर रहे थे।वर्ष 2017 के चुनाव में भी भाजपा की बागी ममता सोनी अध्यक्ष चुनी गई थीं।
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