सोनभद्र में लंपी वायरस का कहर, पशु अस्पताल की लापरवाही से पशुपालक परेशान
नगवा के बैनी स्थित पशु अस्पताल में लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ने से पशुपालक चिंतित हैं। आरोप है कि अस्पताल में टीकाकरण नहीं हो रहा है। सिकरवार में एक चपरासी ने गाय को गलत इंजेक्शन दिया जिससे उसकी मौत हो गई। बलियारी का पशु अस्पताल अक्सर बंद रहता है और डॉक्टर भी गायब रहते हैं।

जागरण संवाददाता, सोनभद्र। जिले में लंपी वायरस का बढ़ता प्रकोप और पशु अस्पताल की लापरवाही पर उठे सवाल के बीच पशुपालकों के सामने संकट का दौर है।
नगवा के बैनी में स्थित पशु अस्पताल में लंपी वायरस के बढ़ते प्रकोप ने पशुपालकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। यहां के कंपाउंड डाक्टर, चपरासी और कुछ संविदा कर्मियों के बावजूद, क्षेत्र में पशुओं को टीका नहीं लगाया गया है। इससे लंपी वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
हाल ही में सिकरवार में एक दुधारू गाय को अस्पताल के चपरासी द्वारा इंजेक्शन लगाया गया, जिसके लिए 500 रुपये भी लिए गए। लेकिन, दो घंटे बाद गाय की मृत्यु हो गई। इस घटना में डाक्टर साहब अस्पताल में मौजूद नहीं थे और उन्होंने चपरासी को इंजेक्शन लगाने के लिए भेजा था।
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बलियारी में स्थित एक अन्य पशु अस्पताल, जो रायपुर थाने के ठीक सामने है, का ताला कभी नहीं खुलता। पशुपालकों का आरोप है कि चपरासी ने गलत इंजेक्शन लगा दिया। कई गांवों के पशुपालकों ने यह भी कहा है कि प्रभारी डाक्टर साहब अस्पताल पर कभी दिखाई नहीं देते।
वे एक-दो दिन आते हैं और पूरे महीने की साइन करके चले जाते हैं। इस कारण, पशु अस्पताल में उचित इलाज नहीं हो पाता, जिससे पशुपालक झोलाछाप डाक्टरों की शरण में जाने को मजबूर हो जाते हैं। ये झोलाछाप डाक्टर क्षेत्र में लगातार घूमते रहते हैं।
पशुपालक भोला चौरसिया, राम कृत राम, जन्म बिहारी, दुलारे, गुड्डू, लालजी, जितेंद्र, मुन्ना आदि ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि यदि समय पर उचित टीकाकरण और इलाज नहीं किया गया, तो लंपी वायरस का प्रकोप और भी बढ़ सकता है, जिससे पशुपालन पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
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इस स्थिति ने क्षेत्र के पशुपालकों में असंतोष और भय का माहौल बना दिया है। वे अपने पशुओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और चाहते हैं कि प्रशासन इस गंभीर समस्या का समाधान करे। पशु अस्पताल की लापरवाही और डाक्टरों की अनुपस्थिति ने पशुपालकों को निराश किया है। उन्हें उम्मीद है कि संबंधित अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।
इस प्रकार, लंपी वायरस का बढ़ता प्रकोप और पशु अस्पताल की लापरवाही ने क्षेत्र के पशुपालकों के लिए चिंता का विषय बना दिया है। उचित टीकाकरण और इलाज की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।
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