सोनभद्र में खनन हादसे में मुख्य आरोपित गिरफ्त से बाहर, एक माइंस मैनेजर और तीन माइंस मेठ गिरफ्तार
सोनभद्र में खनन दुर्घटना के मुख्य आरोपी अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं, जबकि पुलिस ने एक माइंस मैनेजर और तीन मेठ को गिरफ्तार किया है। पुलिस मुख्य आरोपी की तलाश कर रही है और गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ जारी है। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

मुख्य आरोपित तक पुलिस के हाथ अभी तक नहीं पहुंच सके हैं।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र)। खनन हादसे के सप्ताह भर बाद पुलिस की कार्यशैली पर उठते विपक्ष के सवालों के बीच आखिरकार पुलिसिया कार्रवाई शुरू हुई है। कुछ आरोपितों को पुलिस ने पकड़ा है लेकिन मुख्य आरोपित तक पुलिस के हाथ अभी तक नहीं पहुंच सके हैं।
बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में 15 नवम्बर को कृष्णा माइनिंग वर्क्स पत्थर की खदान में हुए हादसे के छह दिनों बाद पुलिस ने घटना वाले दिन नामजद मुख्य आरोपितों को छोड़कर खदान में काम कराने वाले चार आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पकड़े गए आरोपितो में एक माइंस मैनेजर और तीन माइंस मेठ बताये जा रहे है।
सीओ हर्ष पांडेय के नेतृत्व में बनायी गयी एसआईटी टीम ने जांच में पाया कि घटना वाले दिन बंदी के बावजूद इन्हीं आरोपितों की देखरेख में मजदूर घटनास्थल पर काम कर रहे थे। पुलिस ने जांच में यह भी पाया है कि इनके अलावा अन्य कुछ पेटीदार भी घटना वाले दिन अपने मजदूरों से काम करा रहे थे। जो कि घटना के बाद से ही भूमिगत हो गए हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार चौरसिया ने बताया कि खनन हादसे में हुए सात मजदूरों की मौत के बाद खदान हादसे में जिम्मेदार आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ ही घटना वाले दिन खदान में मजदूरों से काम कराने अन्य व्यक्तियों की तलाश शुरु कर दी गयी। जिनमें से अब तक चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बताया कि घटना वाले दिन माइंस मैनेजर इब्राहिमपुर, थाना बहेरा जनपद दरभंगा (बिहार) निवासी आरोपित अनिल कुमार झा, माइंस मेठ बिल्ली पोखरा ओबरा निवासी अजय कुमार, वीआईपी रोड ओबरा निवासी गौरव सिंह व अग्रवाल नगर ओबरा निवासी चंद्रशेखर सिंह ने खनन क्षेत्र में काम ठप होने के बाद भी मजदूरों को खदान में काम करने के लिए भेजा था।
पुलिस का कहना है मजदूरों की मौत के बाद गहनता से सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जांच के दौरान जो भी व्यक्ति इस घटना के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। कहा पुलिस जनसुरक्षा, कानून-व्यवस्था एवं मानव जीवन की रक्षा के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। ऐसी किसी भी लापरवाही, अवैध खनन या दुर्घटना हेतु जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
मुख्य आरोपित अभी तक हैं पुलिस की गिरफ्त से बाहर
बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में बेवक़्त जान गंवाने वाले सात मजदूरों की मौत के बाद पुलिस ने एक अज्ञात सहित दो नामजद व्यक्तियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार मानते हुए सम्बंधित धाराओं में केस दर्ज किया और उनकी तलाश भी शुरु कर दी। लेकिन घटना के छह दिन बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी न होना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है।
अब पुलिस पर विपक्ष की ओर से आरोप लग रहा है कि पुलिस मुख्य आरोपितों को बचने का मौका दे रही है। हालांकि पुलिस अभी भी घटना के लिए दोषी सभी लोगों की पहचान करने में लगी है। जिसके लिए वह सभी विभागों से जरुरी जानकारियां इकठ्ठा करने में लगी है। जिसके आधार पर इस खदान के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सभी खदान स्वामियों का पता लगाया जा सके।

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