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    UP SIR: सोनभद्र में अब तक 11 हजार डुप्लीकेट मतदाताओं का हुआ सत्यापन, सॉफ्टवेयर ने किया था हाइलाइट

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 04:23 PM (IST)

    सोनभद्र में मतदाता सूची सुधार के दौरान सॉफ्टवेयर द्वारा चिह्नित डुप्लीकेट मतदाताओं के सत्यापन में 11,247 दोहरी प्रविष्टियाँ पाई गईं, जबकि 1,91,013 सही पाए गए। बीएलओ घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं, जिसमें कई मतदाता सही पाए गए। सॉफ्टवेयर की त्रुटि के कारण सत्यापन प्रक्रिया धीमी हो गई है। अभी 25,341 मतदाताओं का सत्यापन बाकी है।

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    जागरण संवाददाता, सोनभद्र। मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया के दौरान इस बार साफ्टवेयर ने बड़ी संख्या में मतदाताओं को डुप्लीकेट (दोहरी प्रविष्टि वाले) के रूप में चिह्नित कर दिया था। हालांकि अब तक किए गए जांच में 11 हजार 247 मतदाता ही सही पाए गए जो डुप्लीकेट थे।

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    इसके अलावा एक लाख 91 हजार 13 मतदाता सही पाए गए हैं। शेष 25 हजार 341 मतदाताओं का सत्यापन किया जाना बाकी है। साफ्टवेयर में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में डुप्लीकेट मतदाता मिलने के बाद आयोग के निर्देश पर बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं।

    दिलचस्प बात यह है कि जांच में अधिकांश मतदाता सही और वास्तविक पाए जा रहे हैं। इससे न केवल मतदाता, बल्कि बीएलओ भी उलझन में हैं कि आखिर तकनीकी गड़बड़ी कहां हुई। जनपद में दो लाख 27 हजार 601 डुलीकेट मतदाता चिन्हित किए गए थे।

    इस तरह किया जा रहा सत्यापन

    सहायक निर्वाचन अधिकारी जगरूक पटेल ने बताया कि साफ्टवेयर ने कई ऐसे मतदाताओं को डुप्लीकेट बताया है जिनके नाम, पिता का नाम या जन्मतिथि समान या मिलती-जुलती थी। इसी आधार पर सिस्टम ने उन्हें दोहरी प्रविष्टि मान लिया।

    जमीनी स्तर पर जब बीएलओ जांच करने पहुंचे, तो पता चला कि मतदाता तो वर्षों से उसी घर में रह रहे हैं और उनका नाम सही तरीके से सूची में दर्ज है। कई जगहों पर एक ही परिवार के दो सदस्यों को भी गलती से डुप्लीकेट दिखा दिया गया, जिससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है।

    बीएलओ का कहना है कि साफ्टवेयर की यह त्रुटि मतदाता सूची सुधार की गति को प्रभावित कर रही है क्योंकि एक-एक नाम की मैनुअल जांच करनी पड़ रही है।