फीमेल सैलून में पुरुष कर्मचारियों की एंट्री बैन, महिला आयोग की दो टूक; दिखे तो होगी सख्त कार्रवाई
UP News उत्तर प्रदेश महिला आयोग ने महिला सैलून और ब्यूटी पार्लरों में पुरुष कर्मचारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। आयोग की सदस्य नीलम प्रभात ने सैलून मैनेजरों को लिखित शपथ पत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। राज्य महिला आयोग की सदस्य नीलम प्रभात ने कहा कि अगर आदेश का उल्लंघन होगा तो कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

संवाद सहयोगी, जागरण सोनभद्र। UP News: राज्य महिला आयोग ने पुरुष कर्मचारियों के महिला सैलून में प्रवेश पर रोक लगा दी है। आयोग की सदस्य नीलम प्रभात ने बुधवार को उरमौरा स्थित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय, जिला जेल व सैलून का निरीक्षण किया। सबसे पहले वह आश्रम पद्धति विद्यालय में पढ़ने वाली बालिकाओं को उपलब्ध कराए जा रहे शिक्षण सामग्री, पाठ्य पुस्तक एवं खान-पान व्यवस्था को देखा।
बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाए
छात्राओं से मिल रही सुविधा के साथ पढ़ाई को लेकर सीधा संवाद स्थापित किया। कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाए। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।
पुरुष कर्मचारियों के प्रवेश पर रोक
इसके बाद वह राबर्ट्सगंज के सिविल रोड पर संचालित एक सैलून पहुंची। यहां पर महिलाओं के सैलून और ब्यूटी पार्लरों में पुरुष कर्मचारियों के प्रवेश पर रोक लगाते हुए की गयी कार्यवाही के संबंध में लिखित शपथ पत्र प्रस्तुत किए जाने के लिए उपस्थित सैलून मैनेजर को निर्देशित किया। कहा कि अगर आदेश का उल्लंघन होगा तो कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
आयोग सदस्य ने गुरमा स्थित जिला कारागार का निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्होंने महिला बंदियों से मुलाकात कर बंदीगृह में उन्हें उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। बंदियों के बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि महिला बंदियों व उनके बच्चों को शासन द्वारा अनुमन्य सभी सुविधाएं नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
ब्लाक सभागार में की जन सुनवाई
राज्य महिला आयोग की सदस्य नीलम प्रभात ने सदर ब्लाक सभागर में महिलाओं के समस्या निराकरण के लिए जन सुनवाई की। महिलाओं के उत्पीड़न के रोक-थाम व पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के दृष्टिगत उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया। जन सुनवाई में प्राप्त शिकायतों में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
कहा कि आज की जन सुनवाई में प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिए दोनों पक्षों को बुलाकर काउंसिलिंग की कार्यवाही की जाए। यदि आपसी सुलह-समझौता से प्रकरण का निराकरण नहीं होता है तो नियमानुसार विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।
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