Sultanpur News: सुलतानपुर मेडिकल कालेज में नहीं एमआरआइ जांच की सुविधा, लखनऊ रेफर करे जाते हैं मरीज
Sultanpur News: चिकित्सक ने बीमारी की तह तक जाने के लिए दोनों को एमआरआइ स्कैन कराने की सलाह दी। अब मजबूरी में उन्हें निजी केंद्रों का सहारा है।

सुलतानपुर मेडिकल कालेज
संवाद सूत्र, जागरण, सुलतानपुर : बीमारी की सूक्ष्म जांच के लिए चिकित्सक मरीज को एमआरआइ (मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग) स्कैन एक्सरे की सलाह देते हैं। इससे प्राप्त गुणवत्तायुक्त तस्वीरें मरीजों की जांच में काफी उपयोगी साबित होती हैं। मेडिकल कालेज के अस्पताल समेत किसी भी सरकारी अस्पताल में मशीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए चिकित्सक मरीजों को इसके लिए लखनऊ रेफर करते हैं।
निजी क्षेत्र में एक मात्र बढ़ैयावीर स्थित डायग्नोस्टिक सेंटर में लगी मशीन से जांच की जाती है।कादीपुर के विवेक कुमार को सिर में गांठ की समस्या थी। इसी प्रकार लंभुआ की निरमा देवी को पेट की बीमारी थी। दोनों की अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन जांच कराई गई थी, फिर भी बीमारी स्पष्ट नहीं हो सकी। इसके बाद चिकित्सक ने बीमारी की तह तक जाने के लिए दोनों को एमआरआइ स्कैन कराने की सलाह दी। अब मजबूरी में उन्हें निजी केंद्रों का सहारा है।
मशीन की सुविधा जिले के सरकारी अस्पतालों में न उपलब्ध होने से रोगियों को निजी केंद्रों पर जांच के लिए विवश होना पड़ता है। यहां प्रत्येक अंग के एमआरआइ के लिए लगभग चार से 5000 रुपये शुल्क लिए जाते हैं। एमआरआइ स्कैनर दोनों तरफ से खुला होता है, जिसमें बेड पर लेटा व्यक्ति भीतर जाता है और स्कैन के बाद बाहर आता है।
प्राचार्य डा. सलिल श्रीवास्तव कहते हैं कि मेडिकल कालेज के अस्पताल में प्रति महीने 40 से 50 मरीजों को एमआरआइ कराने के लिए चिकित्सक रेफर करते हैं। उन्होंने बताया कि मांग पत्र भेजा गया है। शासन द्वारा एमआरआइ मशीन उपलब्ध कराए जाने की संभावना है। वहीं, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. भारत भूषण का कहना है कि इस प्रकार की मशीनें या तो जिला अस्पताल या फिर मेडिकल कालेज से संबद्ध अस्पतालों में लगाई जाती हैं।

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