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    'पांच साल से पुराने मुकदमों को दो महीने में निपटाएं', यूपी के इस जिले में DM के आदेश से चकबंदी विभाग में खलबली

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 09:35 AM (IST)

    सुलतानपुर के चकबंदी विभाग को जिलाधिकारी ने पांच साल से पुराने मुकदमों को दो महीने में निपटाने का सख्त आदेश दिया है। ऐसा न करने पर अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। समीक्षा में पाया गया कि 290 मुकदमे लंबित हैं। अयोध्या मंडल में सुलतानपुर इस मामले में पहले स्थान पर है। वर्तमान में 44 गांवों में चकबंदी चल रही है, और शासन का लक्ष्य है कि पुराने मुकदमों को जल्द से जल्द निपटाया जाए।

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    जागरण संवाददाता, सुलतानपुर। चकबंदी विभाग के अधिकारियों के जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश जारी किया है। उन्हाेंने कहा है कि पांच वर्ष या इससे अधिक के पुराने मुकदमे दो माह में निस्तारित कर लिए जाएं, अन्यथा संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। निर्देश के अनुपालन में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

    विभागीय समीक्षा में पाया कि पांच वर्ष से पुराने 290 मुकदमे लंबित हैं। इनके निस्तारण में प्रगति नहीं हो पा रही है। इसके बाद डीएम कुमार हर्ष ने चकबंदी अधिकारियों को लंबित प्रकरणों को निपटाने के लिए अवधि तय कर दी। हालांकि, इस मामले में जनपद अयोध्या मंडल में पहले स्थान पर है।

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    अमेठी, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी जिलों की तुलना में सबसे कम विवाद इस जनपद में रह गए हैं। प्रदेश में भी यह जिला प्रदर्शन के स्तर पर बेहतर स्थिति में है। फिर डीएम की मंशा है कि सभी मामलों को शीघ्र निस्तारित कर दिए जाएं। उन्हाेंने कहा है कि मुकदमों की नियमित सुनवाई की जाए। उनका निस्तारण भी गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। निगरानी का दायित्व प्रभारी उप संचालक चकबंदी व मुख्य राजस्व अधिकारी बाबूराम को दिया गया है।

    44 गांवों में चल रही चकबंदी

    वर्तमान में 44 गांवों में चकबंदी चल रही है। यह सभी गांव जयसिंहपुर तहसील, लंभुआ, सदर व बल्दीराय तहसील के हैं। लंभुआ, कादीपुर व बल्दीराय में प्रथम चक्र की चकबंदी हो रही है। जबकि, सदर व जयसिंहपुर में द्वितीय चक्र की हो रही रही है। लंभुआ के तीन गांवों धनहुआ, सलाहपुर, गजापुर में द्वितीय चक्र की प्रक्रिया चल रही है। सबसे अधिक गांव 28 जयसिंहपुर तहसील के हैं।

    शासन की मंशा है कि पांच वर्ष से अधिक समय से लंबित मुकदमों को न्यूनतम स्तर पर लाया जाए। उनकी संख्या शून्य हो जाए तो सबसे बेहतर है। इस नाते सभी चकबंदी प्राधिकारियों को एक निश्चित अवधि तय कर दी गई है। इस अवधि में उन्हें सभी लंबित मुकदमों को निस्तारित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
    कुमार हर्ष, जिलाधिकारी