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    Unnao News: खतरे से 34 सेमी. नीचे पहुंचा गंगा का जलस्तर, बाढ़ग्रस्त इलाकों में इन बीमारियों का खतरा

    गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया है जिससे बाढ़ग्रस्त इलाकों में पानी कम हो रहा है लेकिन कीचड़ और गंदगी से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। कई मुहल्लों में लोग बीमार पड़ रहे हैं। प्रशासन ने कुछ नावें हटाई हैं लेकिन अभी भी 56 नावें चल रही हैं। चिकित्सकों ने संक्रामक रोगों से बचने के लिए सफाई और छिड़काव की सलाह दी है।

    By brajesh shukla Edited By: Ashish Mishra Updated: Thu, 28 Aug 2025 02:16 PM (IST)
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    गंगा नदी के खतरे से 34 सेमी. नीचे पहुंचने से बाढ़ग्रस्त मुहल्लों में बीमारियों का बढ़ा खतरा। जागरण फोटो

    संवाद सहयोगी, शुक्लागंज। गंगा का जलस्तर खतरे से 34 सेमी. नीचे पहुंच गया है। बाढ़ग्रस्त मुहल्लों में भरा पानी कम होने लगा है। वहीं, अब कीचड़ व गंदगी ने परेशानी बढ़ा दी है। बाढ़ प्रभावित मुहल्लों में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। कई मुहल्लों में लोग बीमार हो रहे हैं। पश्चिमी गंगाघाट क्षेत्र के मोहम्मदनगर, गोताखोर, करबला, हुसैननगर व शाहीनगर मुहल्लों की गलियों से पानी निकलने जरूर लगा है।

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    लेकिन जिन लोगों के मकान पानी से घिरे हैं उन्हें नाव से आवागमन करना पड़ रहा है। बुधवार को प्रशासन ने दो नावें हटाई हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी 56 नावें चल रही हैं। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार गंगानदी का जलस्तर बुधवार को साम छह बजे तक खतरे के निशान 113.000 मीटर से 34 सेंटीमीटर नीचे 112.660 मीटर पहुंच गया है।

    जब कि बीते मंगलवार को शाम छह बजे गंगा का जलस्तर 112.720 मीटर रिकार्ड किया गया था। हालांकि अभी जलस्तर चेतावनी बिंदु 112.000 मीटर से 66 सेंटीमीटर ऊपर है। गंगा का जलस्तर घटने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से पानी निकलने जरूर लगा है। ले किन परेशानी अभी कम नहीं हुई हैं।

    बाढ़ प्रभावित मुहल्लों में अभी भी कई गलियों में पानी भरा हुआ है। बाढ़ प्रभावित मुहल्लों में रहने वाले लोगों का कहना है कि मोहल्ले में पानी कम होने से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। लेखपाल अशोक सैनी ने बताया कि दो नावें कम कर दी गई हैं।

    अब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 56 नावें चल रही हैं। पीएचसी की चिकित्सक रश्मि वर्मा ने बताया कि बाढ़ग्रस्त मुहल्लों में काफी दिनों से पानी भरा होने से मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है।

    जिससे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सफाई के साथ चूना ब्लीचिंग व एंटीलार्वा का छिड़काव कराया जाना जरूरी है।

    न्यू पीएचसी में बढ़े बुखार व चर्मरोग के मरीज

    नगर के बाढ़ प्रभावित मुहल्लों में लोग बीमार हो रहे हैं। राजधानी मार्ग स्थित न्यू पीएचसी में बुधवार को मरीजों की संख्या रोज की अपेक्षा अधिक रही। न्यू पीएचसी की चिकित्सक रश्मि वर्मा ने बताया कि बताया कि बुधवार को पीएचसी में लगभग 275 मरीज पहुंचे।

    जिसमें बुखार, खांसी, पेटदर्द, चर्मरोग, उल्टी व दस्त आदि के मरीज रहे। बताया कि सभी को देख कर दवाइयां दी गई हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों बाढ़ प्रभावित मुहल्लों से बुखार के मरीज ज्यादा आ रहे हैं।