सरकार की सख्ती के बाद जमीन पर आया विमान का किराया, जान लें बदली हुई कीमतें
इंडिगो संकट के दौरान मनमाने किराए की शिकायतों के बाद सरकार ने विमानन कंपनियों पर सख्ती की है। सरकार ने दूरी के अनुसार अधिकतम किराया निर्धारित किया है, ...और पढ़ें

सरकार का उद्देश्य उचित और सुलभ हवाई यात्रा प्रदान करना है, जिससे विमानन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। हाल ही में इंडिगो एयरलाइंस के संकट के बीच विभिन्न विमानन कंपनियों द्वारा यात्रियों से मनमाना किराया वसूलने की शिकायतें बढ़ गई थीं। इस पर सरकार ने सख्त हिदायत दी थी कि विमानन कंपनियां यात्रियों से मनमाना किराया न वसूलें। इसके साथ ही, सरकार ने दूरी के अनुसार अधिकतम किराया भी निर्धारित किया था।
रविवार को इस नियम का प्रभाव देखने को नहीं मिला, लेकिन सोमवार को विमानन कंपनियों ने किराए में कटौती की। ज्ञात हो कि इंडिगो संकट के दौरान कुछ शहरों के लिए हवाई किराया 50,000 रुपये या इससे अधिक तक पहुंच गया था, जिसके चलते सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा।
इंडिगो संकट और बढ़ते हवाई किरायों के बीच, सरकार ने घरेलू उड़ानों के किराए की अधिकतम सीमा तय कर दी है। यह नियम 6 दिसंबर 2025 से तुरंत लागू हो गया है।
अब 500 किलोमीटर तक की यात्रा पर अधिकतम किराया 7,500 रुपये, 500 से 1000 किलोमीटर पर 12,000 रुपये, 1000 से 1500 किलोमीटर पर 15,000 रुपये और 1500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर 18,000 रुपये तक का अधिकतम किराया ही वसूला जा सकता है। इस कीमत में UDF, PSF और टैक्स शामिल नहीं हैं। यह सीमा बिजनेस क्लास और UDAN फ्लाइट्स पर लागू नहीं होगी।
गुरुवार को किराए की स्थिति पर नजर डालें तो यह स्पष्ट होता है कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद विमानन कंपनियों ने अपने किराए में कमी की है। इससे यात्रियों को राहत मिली है और अब वे अधिक उचित दरों पर हवाई यात्रा कर सकते हैं।
इस निर्णय का उद्देश्य यात्रियों को उचित और सुलभ हवाई यात्रा प्रदान करना है। सरकार का मानना है कि इस प्रकार के नियमों से न केवल यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि विमानन कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी, जिससे वे अपने किराए को नियंत्रित करने के लिए मजबूर होंगी।
हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि इस नियम का प्रभाव केवल घरेलू उड़ानों पर ही होगा और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए अलग नियम लागू होंगे। इसके अलावा, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी विशेष परिस्थिति में किराया बढ़ता है, तो विमानन कंपनियों को इसके लिए उचित कारण बताना होगा।
इस प्रकार, सरकार की इस पहल से न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि विमानन क्षेत्र में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा मिलेगा। यह कदम निश्चित रूप से हवाई यात्रा को अधिक सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस प्रकार, सरकार की सख्ती के बाद विमान किराया सामान्य होने की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया गया है, जिससे यात्रियों को हवाई यात्रा में राहत मिलेगी और वे उचित दरों पर यात्रा कर सकेंगे।
गुरुवार को अगर किराए पर नजर डाले तो इस प्रकार है-
1-वाराणसी दिल्ली का एयर इंडिया एक्सप्रेस का किराया 4598 रुपए है ।
स्पाइस जेट का किराया 5960 रुपए है ।
इसी तरह अन्य एयरलाइंस का किराया भी 5000-6000 के करीब है ।
2- वाराणसी हैदराबाद का किराया 12675 रुपए है ।
3- वाराणसी मुंबई का किराया 15000-16000 के बीच है ।
4-वाराणसी कोलकाता का किराया 6000-7000 के बीच है ।
5-वाराणसी बैंगलुरु का किराया 16000-18000 के बीच है ।5-वाराणसी पुणे का किराया 10000-12000 के बीच है ।

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