अंबानी परिवार ने वाराणसी के स्वर्ण अन्नपूर्णा मंदिर में मुंबई से भेजी श्रृंगार सामग्री
वाराणसी के श्रीकाशी विश्वनाथ धाम स्थित स्वर्ण अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर में अंबानी परिवार ने धनतेरस के अवसर पर शृंगार सामग्री भेजी है। 18 अक्टूबर को मंदिर के पट खुलेंगे, जिसका भक्तों को बेसब्री से इंतजार है। अंबानी परिवार ने दीपावली ग्रीटिंग, आभूषण, साड़ी और नकद राशि दान की है, जो मां अन्नपूर्णेश्वरी को समर्पित की जाएगी। हर साल पांच दिन तक स्वर्णमयी अन्नपूर्णा मां का दर्शन होता है।

अंबानी परिवार ने अपने प्रतिनिधि के माध्यम से दीपावली ग्रीटिंग और शृंगार सामग्री भेजी है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के मुख्य द्वार (गेट नंबर एक) पर स्थित मंदिर में प्रथम तल पर विराजमान स्वर्ण अन्नपूर्णेश्वरी के पट धनतेरस के अवसर पर 18 अक्टूबर को खुलेंगे। देशभर के श्रद्धालुओं को मइया दरबार के पट खुलने का बेसब्री से इंतजार है। जो श्रद्धालु स्वयं नहीं आ पा रहे हैं, वे विभिन्न माध्यमों से अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं। इस क्रम में अंबानी परिवार का नाम भी शामिल है।
गुरुवार को अंबानी परिवार ने अपने प्रतिनिधि के माध्यम से दीपावली ग्रीटिंग और शृंगार सामग्री भेजी है। इस सामग्री में एक सुंदर साड़ी, आभूषण और नकद राशि शामिल है। ग्रीटिंग पर नीता और मुकेश अंबानी के साथ-साथ उनके दोनों पुत्रों, पुत्रवधुओं और बच्चों के नाम अंकित हैं। महंत शंकर पुरी ने बताया कि यह शृंगार सामग्री पट खुलने पर मां स्वर्ण अन्नपूर्णेश्वरी को समर्पित की जाएगी।
धनतेरस पर मां अन्नपूर्णेश्वरी के पट खुलने के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा उन्हें चढ़ाई जाने वाली सामग्री में अंबानी परिवार का योगदान विशेष महत्व रखता है। वाराणसी में हर साल पांच दिन तक स्वर्णमयी अन्नपूर्णा मां का दर्शन होता है, जो भक्तों के लिए एक अद्वितीय अनुभव होता है।
अंबानी परिवार की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि वे धार्मिक आस्था और परंपराओं के प्रति कितने समर्पित हैं। दीपावली जैसे पावन पर्व पर इस प्रकार की शृंगार सामग्री भेजकर उन्होंने न केवल अपनी श्रद्धा प्रकट की है, बल्कि अन्य श्रद्धालुओं के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बने हैं।
स्वर्ण अन्नपूर्णेश्वरी का दर्शन करने के लिए भक्तों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। इस बार भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। अंबानी परिवार की ओर से भेजी गई सामग्री से यह भी संदेश मिलता है कि भक्ति और समर्पण का कोई वर्ग नहीं होता, और सभी को अपनी आस्था के अनुसार पूजा-पाठ करने का अधिकार है। अंबानी परिवार का मंदिर से पूर्व में भी जुड़ाव रहा है।
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